Friday, March 14, 2025
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‘RSS की वजह से मराठी सीखा’, मराठी साहित्य सम्मेलन में PM मोदी ने संघ की तारीफ

पीएम मोदी ने 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ करते हुए कहा कि संघ के कारण ही उन्होंने मराठी सीखी और यह संगठन भारतीय संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है।

PM मोदी ने मराठी साहित्य सम्मेलन में RSS की सराहना, मराठी भाषा से जुड़ाव पर जताया गर्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (21 फरवरी) को 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संघ की वजह से ही उनका मराठी भाषा से जुड़ाव हुआ और इसे सीखने का अवसर मिला।

पीएम मोदी ने कहा कि RSS की स्थापना महाराष्ट्र की पावन भूमि पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी और यह संगठन पिछले 100 वर्षों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का काम कर रहा है

मराठी भाषा को मिला शास्त्रीय भाषा का दर्जा

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में मराठी भाषा की समृद्धि का उल्लेख किया और बताया कि हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह 12 करोड़ मराठी भाषी लोगों के लिए गर्व का विषय है और इससे मराठी साहित्य और संस्कृति को एक नई पहचान मिलेगी।

ऐतिहासिक अवसरों का जिक्र

पीएम मोदी ने इस अवसर पर कई ऐतिहासिक घटनाओं को भी याद किया, जिनमें शामिल हैं:

  • छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ
  • पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती
  • भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव

उन्होंने कहा कि मराठी भाषा भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है

मराठी सिनेमा और मुंबई का योगदान

पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश की आर्थिक राजधानी है। उन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा के योगदान को रेखांकित करते हुए हाल ही में चर्चित फिल्म ‘छावा’ का जिक्र किया। यह फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता पर आधारित है और यह प्रसिद्ध मराठी उपन्यासकार शिवाजी सावंत के उपन्यास से प्रेरित है।

विपक्ष ने उठाए सवाल

यह साहित्य सम्मेलन एनसीपी प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। पीएम मोदी के इस सम्मेलन में शामिल होने को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए। हालांकि, पीएम मोदी ने अपने भाषण में सिर्फ मराठी भाषा और संस्कृति के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त की और राजनीति से हटकर अपने विचार साझा किए।

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