मक्कल निधि मय्यम (MNM) प्रमुख कमल हासन ने तमिल भाषा के सम्मान की बात करते हुए कहा कि तमिलनाडु ने हमेशा अपनी भाषा की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का आह्वान किया।
तमिल भाषा पर बोले कमल हासन – ‘इसके साथ मत खेलो’, 2026 चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान
मक्कल निधि मय्यम (MNM) के 8वें स्थापना दिवस पर पार्टी प्रमुख और अभिनेता कमल हासन ने तमिल भाषा को लेकर बड़ा बयान दिया। चेन्नई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तमिल केवल एक भाषा नहीं बल्कि अस्मिता का प्रतीक है और इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
तमिल भाषा के सम्मान पर जोर
कमल हासन ने कहा,
“तमिलनाडु ने हमेशा अपनी भाषा की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। यहां के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि उन्हें कौन-सी भाषा अपनानी है और कौन-सी नहीं। हमने हिंदी थोपने के खिलाफ भी बड़ी लड़ाई लड़ी है। तमिलों ने अपनी भाषा के लिए बलिदान दिए हैं, इसलिए कोई भी इस मुद्दे को हल्के में न ले।”
राजनीति में देर से आने पर जताया अफसोस
कमल हासन ने राजनीति में देर से आने को अपनी सबसे बड़ी गलती बताया। उन्होंने कहा कि अगर वह 20 साल पहले राजनीति में आए होते तो आज उनका रुख और भूमिका अलग होती। हासन ने यह भी माना कि उनके आलोचक उन्हें ‘असफल राजनेता’ कहते हैं, लेकिन उन्होंने इसे सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा बताया।
2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू
कमल हासन ने MNM की भविष्य की योजनाओं पर भी बात की और कहा कि उनकी पार्टी धीरे-धीरे तमिलनाडु की राजनीति में मजबूत होती जा रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा:
“आज हमारी पार्टी 8 साल की हो चुकी है। इस साल हमारी आवाज संसद में गूंजेगी और अगले साल तमिलनाडु विधानसभा में हमारी उपस्थिति महसूस की जाएगी।”
उन्होंने 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटने का आह्वान किया और कहा कि MNM केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो जनता की भलाई के लिए काम करेगा।
MNM को मजबूत करने की अपील
कमल हासन ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे पार्टी को राज्य की राजनीति में एक अहम ताकत बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दें। उन्होंने जनता से भी MNM को समर्थन देने की अपील की, ताकि तमिलनाडु की राजनीति में नई दिशा लाई जा सके।