ईरान में रविवार को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने के आरोप में चार लोगों को फांसी दे दी गई। यह जानकारी ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने दी है। ‘इरना’ ने बताया कि देश के रेवलूशनेरी गार्ड ने इजरायली एजेंसी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। उसने कहा कि ये लोग निजी और सरकारी संपत्ति की चोरी करते थे और लोगों को अगवा कर उनसे पूछताछ करते थे। ईरान के सुप्रीम कोर्ट ने इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने और लोगों का अपहरण करने के लिए इन्हें मौत की सजा सुनाई थी। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिन कथित जासूसों को फांसी दी गई है, उनमें शाहीन इमानी मोहमदाबादी, हुसैन ओरदोखानजादा, मिलाद अशरफी और मनौचेहर शाहबंदी शामिल हैं। रिवोल्यूशनरी गार्ड (ईरानी सेना) ने जासूसी के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया गया था कि इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े हुए थे। रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इनके पास से हथियार और क्रिप्टोकरेंसी जब्त करने का दावा था, जो इन्हें मोसाद से हासिल हुआ था। ईरान द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये लोगों को अगवा कर उनसे सरकारी जानकारी हासिल करते थे। बता दें, ईरान और इस्राइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं।
एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित जासूसों के पास हथियार थे और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मोसाद से इसका मेहनताना मिलता था। क्षेत्र में ईरान और इजरायल के कट्टर दुशमनी है। इरना ने बताया कि जिन्हें फांसी दी गई है उनमें हुसैन ओरदोखाजादा, शाहीन इमानी मोहमुदाबादी, मिलाद अशरफी और मनौचेहर शाहबंदी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि ईरान में चल रहे हिजाब विरोधी आंदोलन को लेकर ईरान आरोप लगाता रहा है कि आंदोलन के पीछे अमेरिका और इजरायल जैसे विरोधी देशों का हाथ है।