बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर दिया बड़ा बयान। जानें क्या कहा उन्होंने और कैसे सुधर सकते हैं दोनों देशों के रिश्ते।
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों पर मोहम्मद यूनुस का बड़ा बयान
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से देश की कमान मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के हाथ में है। इस राजनीतिक बदलाव के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंधों में भी तनाव देखने को मिला। लेकिन अब मोहम्मद यूनुस ने इन रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
‘दुष्प्रचार के कारण बढ़ा तनाव’
बीबीसी बांग्ला को दिए इंटरव्यू में मोहम्मद यूनुस ने कहा,
“बीच में कुछ संघर्ष देखा गया। मैं कहूंगा कि कुछ बादल छाए रहे। ये बादल ज्यादातर दुष्प्रचार की वजह से आए। दूसरे लोग भी इसे प्रोपेगेंडा ही मानेंगे।”
यूनुस के इस बयान से संकेत मिलता है कि भारत और बांग्लादेश के बीच जो मतभेद सामने आए थे, वे राजनीतिक दुष्प्रचार के कारण थे, न कि दोनों देशों के मूल संबंधों में किसी बड़ी दरार की वजह से।
बिम्सटेक सम्मेलन में मिल सकते हैं मोदी और यूनुस
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को सात महीने पूरे हो चुके हैं और राजनयिक सूत्रों के अनुसार, 4 अप्रैल 2025 को बैंकॉक में आयोजित होने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की पहली आमने-सामने की बैठक हो सकती है। इस बैठक से दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
‘भारत-बांग्लादेश के संबंध बहुत गहरे’
मोहम्मद यूनुस ने भारत-बांग्लादेश रिश्तों को लेकर कहा कि,
“हम उन गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे बुनियादी संबंधों में कोई समस्या नहीं है।”
उनके मुताबिक, भारत और बांग्लादेश के संबंध इतिहास, राजनीति और अर्थव्यवस्था के स्तर पर गहरे जुड़े हुए हैं और ये संबंध भविष्य में भी मजबूत बने रहेंगे।
‘भारत के साथ संबंध प्राथमिकता में’
बांग्लादेश सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने भी 1 जनवरी 2025 को स्पष्ट किया था कि बांग्लादेश के लिए तीन बड़े देशों – भारत, चीन और अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना प्राथमिकता में शामिल है।
उन्होंने यह भी कहा कि,
“दिल्ली और ढाका के संबंध किसी एक मुद्दे तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि यह दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ेंगे।”
भारत-बांग्लादेश संबंधों का भविष्य
बांग्लादेश और भारत के संबंधों में आई हालिया दरार के बावजूद, दोनों देशों के नेतृत्व ने यह साफ कर दिया है कि वे संबंधों को सुधारने और आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी और यूनुस की संभावित बैठक से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की प्रक्रिया तेज हो सकती है।
निष्कर्ष
भारत और बांग्लादेश के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, लेकिन हालिया राजनीतिक बदलावों और दुष्प्रचार के कारण इनमें कुछ तनाव आया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के ताजा बयान से संकेत मिलता है कि दोनों देश इस तनाव को दूर करने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। आने वाले महीनों में होने वाली उच्चस्तरीय बैठकें इन संबंधों को नई दिशा दे सकती हैं।