Tuesday, June 24, 2025
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राष्ट्र निर्माण की दिशा तय करने वाला मंच बना एबीवीपी का ऐतिहासिक छात्र संसद

राष्ट्र निर्माण की दिशा तय करने वाला मंच बना एबीवीपी का ऐतिहासिक छात्र संसद

पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद बनी राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र, कुकी और मैतेई संगठनों ने मंच साझा कर रखे अपने विचार

शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा के लिए छात्र शक्ति का संकल्प, सरकार तक पहुंची युवाओं की आवाज़

भविष्य के भारत की रूपरेखा तय करने वाला बना एबीवीपी का ऐतिहासिक छात्र संसद

नई दिल्ली, बुधवार, 12 मार्च 2025

नई दिल्ली – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय छात्र संसद का समापन कल मंगलवार को हुआ। यह ऐतिहासिक आयोजन 9 से 11 मार्च 2025 तक नई दिल्ली स्थित NDMC कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हुआ, जिसमें देशभर के छात्र-छात्रा प्रतिनिधियों ने शिक्षा, रोजगार, महिला सुरक्षा, पूर्वोत्तर और जनजातीय समाज के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विमर्श किया। इस छात्र संसद में जनजातीय छात्र संसद 9 मार्च को, छात्रा संसद 10 मार्च को और पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद 11 मार्च के तहत हज़ार से भी अधिक प्रतिनिधियों ने सहभाग किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके, केंद्रीय मंत्री श्री सर्वानंद सोनोवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री मुकुंद सी. आर., अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद मराठे, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया राहटकर तथा सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

एबीवीपी

तीन दिवसीय इस संसद में प्रमुख रूप से शिक्षा सुधार, रोजगार के नए अवसर, महिला सुरक्षा, कौशल विकास, पूर्वोत्तर राज्यों में आधारभूत संरचना के विकास, जनजातीय समाज के अधिकारों और सामाजिक समरसता से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। छात्र संसद में सबसे महत्वपूर्ण सत्र पूर्वोत्तर छात्र युवा संसद रहा, जिसमें पूर्वोत्तर भारत के 95 छात्र संगठनों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सत्र में कुकी और मैतेई समुदायों के प्रमुख संगठनों ने एक साथ मंच साझा किया और अपने विचार व्यक्त किए। दोनों समुदायों ने इस अवसर का उपयोग पूर्वोत्तर के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने और क्षेत्र में शांति, सौहार्द, शिक्षा और बुनियादी विकास को बढ़ावा देने के लिए किया।

 

पूर्वोत्तर छात्र व युवा संसद में पूर्वोत्तर के विश्वविद्यालयों में सीटें बढ़ाने, डिजिटल और सड़क कनेक्टिविटी सुधारने, स्थानीय भाषाओं और परंपराओं के संरक्षण, और नशामुक्ति अभियान को तेज करने की प्रमुख मांगें सामने आईं।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि जब देशभर से आए छात्र नेता अपने समाज और क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जागरूकता दिखाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत का भविष्य सशक्त और आत्मनिर्भर हाथों में है। शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, जनजातीय समाज और पूर्वोत्तर के विकास से जुड़ी मांगों को संकलित कर सरकार तक पहुँचाया जाएगा। अभाविप इस संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा कि छात्र केवल अकादमिक सफलता तक सीमित न रहें, बल्कि राष्ट्रहित में नीति निर्माण की प्रक्रिया का भी हिस्सा बनें। हमें विश्वास है कि इस छात्र संसद के निष्कर्ष आने वाले समय में ठोस नीतियों का आधार बनेंगे और देशभर के छात्रों की आवाज़ सरकार के निर्णयों में झलकेगी।

अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा, “यह तीन दिवसीय छात्र संसद केवल संवाद का मंच नहीं, बल्कि उन विचारों की प्रयोगशाला है जहाँ से राष्ट्र के भविष्य की दिशा तय होती है। यहाँ आए युवाओं ने केवल अपनी चिंताओं को व्यक्त नहीं किया, बल्कि समाधान प्रस्तुत किए, नीतिगत हस्तक्षेप की मांग उठाई और परिवर्तन की ठोस योजनाएँ सामने रखीं। यह साबित करता है कि भारत का युवा केवल दर्शक नहीं, बल्कि नीति निर्माण की प्रक्रिया का सक्रिय सहभागी बनना चाहता है। अभाविप इस ऊर्जा को एक दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सिर्फ चर्चाओं तक सीमित न रहे, बल्कि ठोस कार्यवाही में बदले और इन प्रस्तावों को सरकार तक पहुँचाकर राष्ट्रहित में अमल में लाया जाए।”

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