किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी से महामंडलेश्वर पद छीनने की वजह बताई। उन्होंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटाया। अखाड़ा परिषद ने त्रिपाठी के समर्थन में दिया बयान। जानें पूरा मामला।
नई दिल्ली, 31 जनवरी 2025: किन्नर अखाड़े में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाने का ऐलान कर दिया है। साथ ही, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर के पद से मुक्त कर दिया गया है। इस फैसले के पीछे की वजह भी ऋषि अजय दास ने खुद बताई।
ऋषि अजय दास का बड़ा बयान
ऋषि अजय दास ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा,
“मैंने 2015 में किन्नर अखाड़े की स्थापना की थी ताकि धार्मिक कार्य किए जा सकें। लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े की मूल भावना को आहत किया। उन्होंने एक देशद्रोही महिला को महामंडलेश्वर बना दिया, जो बिल्कुल गलत था। जब राष्ट्रहित की बात आई, तो मुझे कदम उठाना पड़ा।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह निर्णय समाज और धर्म की रक्षा के लिए लिया गया है।
अखाड़ा परिषद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के समर्थन में
इस पूरे विवाद में नया मोड़ तब आया जब अखाड़ा परिषद ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के समर्थन में बयान दिया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि 13 अखाड़ों ने त्रिपाठी को समर्थन दिया था और वह उनके साथ खड़े हैं।
महाकुंभ में संन्यास के बाद ममता कुलकर्णी पर फैसला
कुछ दिन पहले ही ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में संन्यास लेने का ऐलान किया था। उन्होंने किन्नर अखाड़े में शामिल होकर संगम पर पिंडदान भी किया था। संन्यास के बाद उन्हें नया आध्यात्मिक नाम “श्री यमई ममता नंद गिरि” दिया गया था।
अब क्या होगा आगे?
इस फैसले के बाद किन्नर अखाड़े में आंतरिक विवाद तेज हो गया है। एक तरफ ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से हटा दिया, वहीं दूसरी ओर अखाड़ा परिषद उनके समर्थन में खड़ी हो गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का आगे क्या असर पड़ता है।