Wednesday, March 12, 2025
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DeepSeek AI ने भारत-चीन विवादों पर साधी चुप्पी, तियानमेन नरसंहार और अरुणाचल पर देने लगा टालमटोल जवाब

चीन का AI मॉडल DeepSeek भारत-चीन युद्ध, अरुणाचल प्रदेश, तियानमेन चौक नरसंहार और शी जिनपिंग से जुड़े सवालों पर चुप्पी साध लेता है। जानिए कैसे यह संवेदनशील मुद्दों पर जवाब देने से बचता है।

DeepSeek AI: भारत-चीन युद्ध, अरुणाचल, जिनपिंग… जब पूछे गए ये सवाल, तो चाइनीज AI ने साधी चुप्पी!

नई दिल्ली, 30 जनवरी: चीन की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ने DeepSeek AI नामक चैटबॉट विकसित किया है, जिसे OpenAI के ChatGPT और Google के Gemini के टक्कर का बताया जा रहा है। हालांकि, जब NDTV ने इसका परीक्षण किया, तो यह तियानमेन चौक नरसंहार, भारत-चीन संबंध, अरुणाचल प्रदेश और शी जिनपिंग जैसे संवेदनशील विषयों पर जवाब देने से कतराने लगा।

तियानमेन चौक नरसंहार पर DeepSeek AI की चुप्पी

जब DeepSeek AI से 1989 के तियानमेन चौक नरसंहार के बारे में पूछा गया, तो उसने सीधा जवाब देने से मना कर दिया और लिखा, “सॉरी, यह मेरी वर्तमान क्षमता से बाहर है। किसी और विषय पर चर्चा करें।”
इसके विपरीत, ChatGPT और Gemini इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हैं, जिसमें मौतों की संख्या, राजनीतिक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।

भारत-चीन युद्ध (1962) पर DeepSeek ने क्या कहा?

जब DeepSeek AI से 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारणों और परिणामों पर सवाल किए गए, तो उसने सावधानीपूर्वक इन सवालों से किनारा कर लिया। “भारत-चीन युद्ध क्यों हुआ?” और “संक्षेप में भारत-चीन युद्ध की जानकारी दीजिए” जैसे सवालों का कोई सीधा उत्तर नहीं दिया।
इसके उलट, ChatGPT और Gemini इस युद्ध का पूरा ऐतिहासिक विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं।

अरुणाचल प्रदेश को लेकर DeepSeek AI ने क्या कहा?

जब DeepSeek AI से “क्या अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है?” पूछा गया, तो उसने जवाब दिया:
“सॉरी, यह मेरे वर्तमान दायरे से बाहर है।”

गौरतलब है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को ‘दक्षिण तिब्बत’ (Zangnan) कहता है और इस पर दावा करता है। जबकि भारत सरकार इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर चुकी है।

कश्मीर और अक्साई चिन पर DeepSeek का जवाब

DeepSeek AI ने कश्मीर पर जवाब देते हुए कहा:
“यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक जटिल और संवेदनशील मामला है। चीन की स्थिति सुसंगत रही है। हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर और द्विपक्षीय समझौतों के तहत शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।”

जब अक्साई चिन के बारे में पूछा गया, तो उसने फिर से इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि चीन ने 2023 में एक नया मैप जारी किया था, जिसमें अक्साई चिन को अपना क्षेत्र बताया गया था, लेकिन भारत ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया था।

ताइवान और हांगकांग पर DeepSeek की प्रतिक्रिया

DeepSeek AI ने ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा बताया और कहा:
“ताइवान प्राचीन काल से ही चीन का एक अविभाज्य भाग रहा है। इसे अलग करने का कोई भी प्रयास असफल होगा।”

इसी तरह, हांगकांग में 2019 के विरोध प्रदर्शन पर उसने इसे “कुछ लोगों द्वारा किया गया अस्थायी विरोध” कहकर इसे कमतर आंकने की कोशिश की।

शी जिनपिंग पर DeepSeek AI की ‘सुरक्षित चुप्पी’

जब DeepSeek AI से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में पूछा गया, तो उसने इस विषय पर चर्चा करने से पूरी तरह इनकार कर दिया।

इतना ही नहीं, जब चीन में सेंसरशिप, वीपीएन, और सोशल मीडिया प्रतिबंधों (WhatsApp, Facebook) के बारे में सवाल किए गए, तो इसने इन मुद्दों पर भी कोई टिप्पणी नहीं की।

तिब्बत और दलाई लामा पर DeepSeek AI का रुख

DeepSeek AI ने दलाई लामा को तिब्बती बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्तित्व बताया, लेकिन यह भी कहा कि “तिब्बत प्राचीन काल से ही चीन का अभिन्न अंग रहा है।”
इसके विपरीत, ChatGPT और Gemini न केवल तिब्बत के ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत करते हैं, बल्कि 1959 से दलाई लामा के भारत में निर्वासन पर भी विस्तृत जानकारी देते हैं।

निष्कर्ष

DeepSeek AI को OpenAI के ChatGPT और Google Gemini का चीनी विकल्प बताया जा रहा है, लेकिन यह कई राजनीतिक और ऐतिहासिक मुद्दों पर सेंसरशिप और सरकारी नीतियों का पालन करता है। भारत-चीन संबंधों, तिब्बत, ताइवान, शी जिनपिंग और अरुणाचल प्रदेश जैसे विषयों पर यह या तो जवाब देने से बचता है या चीन के आधिकारिक रुख को ही प्रस्तुत करता है।

इससे स्पष्ट होता है कि DeepSeek AI चीन की सख्त सेंसरशिप नीतियों के तहत काम करता है और संवेदनशील मुद्दों पर चीनी सरकार की आधिकारिक लाइन से बाहर जाकर कुछ भी कहने से बचता है।

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