Sunday, June 8, 2025
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Republic Day 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का राष्ट्र के नाम संबोधन

गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने भारत के संविधान, किसानों की मेहनत, डिजिटल पेमेंट और इसरो की उपलब्धियों पर चर्चा की। पढ़ें पूरा संबोधन।

गणतंत्र दिवस 2025: राष्ट्रपति मूर्मू का संदेश

गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में भारत की प्रगति, संविधान और सांस्कृतिक धरोहर पर चर्चा की। उन्होंने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, जिसने भारत को एक गणराज्य के रूप में स्थापित किया।

संविधान की विरासत और नारी शक्ति का योगदान

राष्ट्रपति मूर्मू ने संविधान निर्माण के दौरान महिलाओं की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, और मालती चौधरी जैसी 15 महान महिलाएं शामिल थीं। उन्होंने भारतीय संविधान को न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता जैसे जीवन मूल्यों का प्रतिबिंब बताया।

किसानों और मजदूरों का योगदान

राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे किसान भाई-बहनों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। मजदूरों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।”

आर्थिक प्रगति और डिजिटल पेमेंट की भूमिका

राष्ट्रपति ने भारत की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की विकास दर लगातार ऊंची रही है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं और बड़ी संख्या में लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। डिजिटल पेमेंट और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) ने समावेशन और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है।

ISRO की उपलब्धियां और महाकुंभ का महत्व

राष्ट्रपति ने इसरो की सफलता की सराहना करते हुए कहा, “इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट में सफलता हासिल कर भारत को गौरवान्वित किया है। भारत अब इस क्षमता वाला चौथा देश बन गया है।” प्रयागराज महाकुंभ को उन्होंने भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया।

न्यायिक सुधार और नई संहिताओं का उल्लेख

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय न्याय प्रणाली में किए गए सुधार, जैसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का क्रियान्वयन, उल्लेखनीय कदम हैं।

देश के रक्षकों को सलाम

राष्ट्रपति ने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपकी सेवा और समर्पण देश को सुरक्षित और सशक्त बनाता है।”

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