MUDA घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां जब्त कीं। सिद्धारमैया और पूर्व MUDA अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप। जानिए पूरा मामला।
MUDA घोटाला: ईडी ने सिद्धारमैया से जुड़े मामले में 300 करोड़ की संपत्तियां की जब्त
ED की बड़ी कार्रवाई:
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा कदम उठाते हुए 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले से संबंधित है। ईडी ने यह जांच लोकायुक्त पुलिस मैसूरु द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी (FIR) के आधार पर शुरू की थी।
सिद्धारमैया पर लगे आरोप:
आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 प्लॉट हासिल किए। ये प्लॉट मुआवजे के रूप में तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले दिए गए, जिसे MUDA ने केवल 3,24,700 रुपये में अधिग्रहित किया था। इन प्लॉट्स की वर्तमान बाजार कीमत करीब 56 करोड़ रुपये आंकी गई है।
रियल एस्टेट घोटाला:
जांच के दौरान पता चला कि MUDA ने न केवल बीएम पार्वती बल्कि अन्य रियल एस्टेट व्यवसायियों को भी मुआवजे के रूप में प्लॉट्स आवंटित किए। इन व्यवसायियों ने प्लॉट्स को ऊंचे दाम पर बेचकर नकदी जुटाई और इसे वैध आय के रूप में दिखाया। कई प्लॉट प्रभावशाली व्यक्तियों और बेनामी नामों पर आवंटित किए गए।
MUDA अधिकारियों की भूमिका:
इस घोटाले में तत्कालीन MUDA आयुक्त डीबी नटेश और अन्य अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने संपत्तियां, नकदी और अन्य संसाधनों के रूप में अवैध लाभ अर्जित किया। अवैध धनराशि का उपयोग संपत्तियों और लक्जरी वाहनों की खरीद में किया गया, जो जीटी दिनेश कुमार जैसे अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज की गईं।
ईडी की जांच और नए खुलासे:
ईडी ने संकेत दिया है कि इस मामले में आगे भी कई खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल जब्त संपत्तियों और अवैध धनराशि के स्रोतों की जांच जारी है। एजेंसी का कहना है कि दोषियों को कानून के दायरे में लाकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की तह तक पहुंचा जाएगा।
निष्कर्ष:
MUDA घोटाले में ईडी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक बड़ा कदम है। इस मामले में जुड़े सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।