Places of Worship Act को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की याचिका पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इसे हिंदुओं के खिलाफ युद्ध और कांग्रेस को ‘नई मुस्लिम लीग’ बताया।
Places Of Worship Act: कांग्रेस की याचिका पर भड़की बीजेपी, लगाया ‘नई मुस्लिम लीग’ का आरोप
BJP Vs Congress:
बीजेपी ने Places of Worship (Special Provisions) Act के समर्थन में कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार (17 जनवरी) को बीजेपी आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीया ने कांग्रेस को ‘नई मुस्लिम लीग’ करार देते हुए इसे हिंदुओं के खिलाफ “खुला युद्ध” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस कानून का समर्थन कर हिंदुओं को उनके ऐतिहासिक अन्यायों के खिलाफ कानूनी अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
क्या है Places Of Worship Act?
यह कानून 15 अगस्त 1947 के बाद सभी पूजा स्थलों की स्थिति को जस का तस बनाए रखने की बात करता है, सिवाय अयोध्या विवादित स्थल के। 1991 में नरसिंह राव सरकार द्वारा लागू किया गया यह कानून राम मंदिर आंदोलन के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा के शाही ईदगाह पर कब्जा करने के प्रयासों को रोकने के उद्देश्य से लाया गया था।
कांग्रेस की याचिका और तर्क
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर Places of Worship Act को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), अनुच्छेद 15 (धर्म के आधार पर भेदभाव निषेध), अनुच्छेद 25 (धर्म का पालन और प्रचार का अधिकार), अनुच्छेद 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन का अधिकार), और अनुच्छेद 29 (सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा) का उल्लंघन नहीं करता।
कांग्रेस का तर्क है कि यह कानून भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता की रक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।
बीजेपी के आरोप
बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने हमेशा हिंदुओं के हितों की अनदेखी की है। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस ने वक्फ कानून को लागू कर मुस्लिमों को संपत्ति दावा करने का विशेष अधिकार दिया। उनका कहना है कि कांग्रेस हिंदू धार्मिक स्थलों को पुनः प्राप्त करने के प्रयासों का विरोध करती रही है।
क्या कहता है विवाद?
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस Places Of Worship Act के माध्यम से हिंदुओं के ऐतिहासिक और धार्मिक अधिकारों को खत्म करने का प्रयास कर रही है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यह कानून देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए अहम है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के रुख ने देश में एक बार फिर राजनीतिक और सांप्रदायिक बहस छेड़ दी है। Places Of Worship Act पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले समय में इस विवाद को और गहराई देगा या समाप्त करेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।