ISRO ने पिछले 10 सालों में अमेरिका और यूरोप के लिए सैटेलाइट लॉन्च से 3600 करोड़ रुपये कमाए हैं। जानिए इसरो की उपलब्धियों और आने वाले मिशन की जानकारी।
ISRO की ऐतिहासिक उपलब्धियां
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले 10 सालों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान और साख को मजबूत किया है। केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, इसरो ने अमेरिका और यूरोपीय देशों के स्पेस मिशन के लिए कमर्शियल सैटेलाइट लॉन्च के जरिए 427 मिलियन डॉलर (करीब 3600 करोड़ रुपये) की कमाई की है।
कमाई का आंकड़ा
राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 31 दिसंबर 2024 को बताया कि:
- अमेरिका के लिए कमाई: 172 मिलियन डॉलर।
- यूरोपीय संघ के लिए कमाई: 304 मिलियन डॉलर।
- पिछले दशक में अकेले अमेरिका और यूरोप से क्रमशः 157 मिलियन डॉलर और 271 मिलियन डॉलर की कमाई हुई है।
आने वाले मिशन और योजनाएं
- LVM3-M5 मिशन: 2025 की पहली तिमाही में एक अंतरराष्ट्रीय ग्राहक के लिए लॉन्च होगा।
- मोबाइल संचार सैटेलाइट: फरवरी या मार्च तक अमेरिका के लिए लॉन्च किया जाएगा।
- नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR): यह बहुप्रतीक्षित मिशन 2025 की दूसरी तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।
भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का विकास
इसरो की उपलब्धियां दिखाती हैं कि भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कितनी प्रगति की है। यह न केवल तकनीकी कौशल का प्रमाण है, बल्कि भारत की बढ़ती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का भी संकेत है। आने वाले वर्षों में इसरो के राजस्व में और वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि इसके वाणिज्यिक प्रक्षेपण बढ़ते जा रहे हैं।
निष्कर्ष
ISRO ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की क्षमताओं को स्थापित किया है और देश को एक अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र के रूप में पहचान दिलाई है। आने वाले मिशन भारत की बढ़ती स्पेस टेक्नोलॉजी और आर्थिक योगदान को और भी मजबूत करेंगे।