पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार करने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाया अपमान का आरोप। राहुल गांधी ने समाधि स्थल न देने पर जताई नाराज़गी।
मनमोहन सिंह का निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार
आर्थिक सुधारों के जनक और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का शनिवार, 28 दिसंबर 2024 को निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि, उनके समाधि स्थल को लेकर विवाद और राजनीति जोरों पर है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है।
राहुल गांधी ने साधा केंद्र पर निशाना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे “मनमोहन सिंह का अपमान” करार दिया। उन्होंने कहा,
“डॉ. मनमोहन सिंह, जो सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री और भारत माता के महान सपूत थे, का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर करवाना उनके योगदान का सरासर अनादर है। वह एक दशक तक देश के प्रधानमंत्री रहे और उनकी नीतियों ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाया। उन्हें सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल का अधिकार था।”
कांग्रेस की समाधि स्थल की मांग
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार से पूर्व प्रधानमंत्रियों की तरह मनमोहन सिंह के लिए अलग समाधि स्थल की मांग की। इस संबंध में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा। खरगे ने कहा कि यह न केवल डॉ. सिंह का सम्मान होगा, बल्कि देश की जनता को श्रद्धांजलि अर्पित करने का स्थान भी मिलेगा।
अकाली दल और आप ने दिया समर्थन
कांग्रेस को इस मांग में अकाली दल और आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला। अकाली दल ने इसे सिख समुदाय के लिए अपमानजनक बताया, जबकि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि,
“पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार राजघाट पर होना चाहिए था। यह दुखद है कि सरकार ने समाधि स्थल के लिए भूमि आवंटित नहीं की।”
केंद्र सरकार की चुप्पी
इस पूरे विवाद पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, इस मुद्दे ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर नई बहस को जन्म दे दिया है।