भारत ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा पर बारीकी से नजर रखता है और उचित कार्रवाई करता है।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2024: पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए अपनी सुरक्षा पर असर डालने वाले घटनाक्रमों पर सतर्कता जताई है। इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए थे, जो मिसाइल निर्माण में शामिल थीं।
विदेश मंत्रालय का बयान:
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
“हम अपनी सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेते हैं और ऐसे सभी मामलों पर बारीकी से नजर रखते हैं। यदि हमारी सुरक्षा को कोई खतरा होता है, तो हम उचित कार्रवाई करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस तरह की गतिविधियों को सहन नहीं करेगा और क्षेत्रीय शांति के लिए इसे हानिकारक मानता है।
अमेरिका का कड़ा रुख:
अमेरिका ने पाकिस्तान के लंबी दूरी तक मार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर गंभीरता दिखाई है। जो बाइडन प्रशासन ने हाल ही में पाकिस्तान की चार प्रमुख कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें एयरोस्पेस और डिफेंस एजेंसी, नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC) और कराची की तीन अन्य कंपनियां शामिल हैं।
व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा,
“पाकिस्तान का यह कार्यक्रम दक्षिण एशिया और अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा है। जो बाइडन प्रशासन इसे रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।”
शाहीन सीरीज पर अमेरिका की नजर
अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान का नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC), जो इस्लामाबाद में स्थित है, शाहीन सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है। ये मिसाइलें न केवल भारत बल्कि दक्षिण एशिया के पार हमले करने में सक्षम हैं।
भारत की सुरक्षा पर असर:
भारत ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया है कि वह अपने सुरक्षा हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
कूटनीतिक दबाव जारी:
अमेरिकी प्रशासन ने साफ किया है कि वह पाकिस्तान पर लंबी दूरी की मिसाइल तकनीक विकसित करने को लेकर दवाब बनाए रखेगा। साथ ही, इस मुद्दे को हल करने के लिए कूटनीतिक प्रयास भी जारी रहेंगे।
क्षेत्रीय शांति को खतरा:
पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से न केवल भारत बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा है। भारत और अमेरिका का मानना है कि इस तरह की गतिविधियां वैश्विक शांति के लिए घातक साबित हो सकती हैं।