मूर्तिकार कनयी कुन्हीरमन ने केरल सरकार का शीर्ष सम्मान ठुकरा दिया। पद्म पुरस्कारों की तर्ज विजयन सरकार ने शीर्ष राजकीय सम्मानों की घोषणा की थी। लेकिन कुन्हीरमन के सम्मान अस्वीकार करने से विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि पुरस्कार अच्छे हैं लेकिन मेरी मूर्तियों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान नहीं है।कनयी कुन्हीरमन ने कहा कि अधिकारी प्रतिष्ठित मूर्तियों का सही से रखरखाव नहीं कर रहे हैं, इसकी सुंदरता को नष्ट कर दिया है। मूर्तिकार ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण उनकी मूर्तियों को अनदेखा किया जा रहा है। मूर्तिकार कनयी कुन्हीरमन ने कहा कि मैं एक ऐसी मां की तरह महसूस करता हूं, जिसके बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है। मैं इस तरह की मानसिक पीड़ा से गुजरते हुए पुरस्कार प्राप्त नहीं कर सकता हूं।
कुन्हीरमन को ‘केरल श्री’ पुरस्कार के लिए चुना गया था
कनयी कुन्हीरमन को ‘केरल श्री’ पुरस्कार के लिए चुना गया था। कनयी कुन्हीरमन द्वारा बनाई गई सागर कन्या की अद्भुत मूर्ति पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने शंखुमुखम में स्थित सागर कन्या मूर्ति की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि मूर्ति के पास एक हेलीकॉप्टर संरचना स्थापित की गई और इससे मेरी मूर्ति की महिमा नष्ट हो गई है। कुन्हीरमन ने कहा कि ऐसी स्थिति में, मैं सम्मान कैसे स्वीकार कर सकता हूं? इन सब चीजों को देखकर मैं एक पुरस्कार क्यों स्वीकार करूं? मेरे मुद्दों को पुरस्कारों के माध्यम से हल नहीं किया जाएगा। मुझे ऐसा सम्मान नहीं चाहिए। मेरी मूर्तियों को अच्छी तरह से बनाए रखा जाना चाहिए, बस मेरी यही मांग है।
मेरे मुद्दों को पुरस्कारों के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता: कुन्हीरमन
उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में, मैं सम्मान कैसे स्वीकार कर सकता हूं? इन सब चीजों को देखकर मैं एक पुरस्कार क्यों स्वीकार करूं? मेरे मुद्दों को पुरस्कारों के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता … मुझे ऐसा सम्मान नहीं चाहिए। मेरी बनाई मूर्तियों का अच्छी तरह रखरखाव होना चाहिए।”केरल की वाम सरकार ने सोमवार को समाज में अमूल्य योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर तीन श्रेणियों में शीर्ष राजकीय पुरस्कार देने की घोषणा की थी। इनमें ‘केरल श्री’,‘केरल ज्योति’ और ‘केरल प्रभा’ पुरस्कार शामिल हैं।