संविधान दिवस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चेताया कि पंथ को देश से ऊपर रखना स्वतंत्रता के लिए खतरा है। संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर प्रमुख नेताओं ने कार्यक्रम में भाग लिया।
संविधान दिवस पर उपराष्ट्रपति का संदेश
संविधान दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतंत्र की मजबूती और संवैधानिक संस्थानों के समन्वय की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंथ को देश से ऊपर रखने से हमारी आजादी खतरे में पड़ सकती है।
लोकतंत्र में बाधा को बताया खतरा
उपराष्ट्रपति ने व्यवधानों को लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए रचनात्मक संवाद और सार्थक बहस की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने संविधान के तीन स्तंभों- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के समन्वय की महत्ता को रेखांकित किया।
स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी
कार्यक्रम में संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए गए। इसके अलावा, संविधान पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन और संस्कृत एवं मैथिली अनुवाद का अनावरण किया गया।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।