Saturday, April 19, 2025
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कंगना रनौत को आगरा कोर्ट से नोटिस, किसानों के अपमान से जुड़े मामले में 28 नवंबर को पेशी

कंगना रनौत को आगरा कोर्ट से नोटिस, किसानों के अपमान से जुड़े मामले में 28 नवंबर को पेशी

एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। आगरा कोर्ट ने कंगना को उनके पुराने बयानों के लिए नोटिस भेजा है। यह मामला किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह से जुड़ा हुआ है।

कंगना को क्यों भेजा गया नोटिस?

आगरा के वकील रमाशंकर शर्मा द्वारा दायर याचिका के अनुसार, कंगना ने 2020-2021 में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के दौरान अपमानजनक बयान दिए थे। उन्होंने किसानों पर हत्या, बलात्कार और अराजकता फैलाने के आरोप लगाए थे।
कंगना ने यह भी कहा था कि अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो भारत में बांग्लादेश जैसे हालात बन जाते। इन टिप्पणियों को लेकर किसानों की छवि धूमिल करने और राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है।

महात्मा गांधी और स्वतंत्रता सेनानियों पर विवादित टिप्पणी

कंगना ने महात्मा गांधी को लेकर 17 नवंबर 2021 को एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था:
“गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी मिली, वह भीख थी। असली आजादी तो 2014 में आई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए।”
वकील रमाशंकर ने दावा किया कि इस बयान से कंगना ने न केवल महात्मा गांधी बल्कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है।

कोर्ट का नोटिस और पेशी की तारीख

आगरा कोर्ट के स्पेशल जज एमपी-एमएलए अनुज कुमार सिंह ने 13 नवंबर 2024 को बहस सुनने के बाद कंगना को नोटिस जारी किया।
नोटिस के अनुसार:

  • कंगना को 28 नवंबर 2024 को सुबह 10 बजे कोर्ट में पेश होना होगा।
  • वह खुद या अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष रख सकती हैं।
  • अगर वह पेश नहीं होतीं, तो सुनवाई आगे बढ़ा दी जाएगी।

कंगना पर लगे मुख्य आरोप

  1. किसानों का अपमान: आंदोलनकारी किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी बताने का आरोप।
  2. राष्ट्रपिता का अपमान: महात्मा गांधी को “भीख में आजादी” वाले बयान से अपमानित करना।
  3. शहीदों की अवमानना: भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को खारिज करने का आरोप।

क्या है आगे की संभावना?

कंगना रनौत को 28 नवंबर को कोर्ट में पेश होकर अपनी सफाई देनी होगी। अगर वह कोर्ट में पेश नहीं होती हैं, तो मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कंगना इस मामले में अपनी राजनीतिक स्थिति और विवादित छवि को कैसे संभालती हैं।

निष्कर्ष

कंगना रनौत के बयान अक्सर विवादों में रहते हैं, लेकिन इस बार मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। किसानों और स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े इस मामले में कोर्ट का फैसला उनकी छवि और राजनीतिक करियर पर बड़ा असर डाल सकता है।

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