प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। विदेशी संसदों में सबसे ज्यादा संबोधन देने वाले भारतीय पीएम बने।
गुयाना में PM मोदी का संबोधन: एक ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैरिबियाई देश गुयाना की संसद के विशेष सत्र को आज संबोधित करेंगे। यह उनके अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रयासों में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
- यह 14वां मौका होगा जब पीएम मोदी किसी विदेशी संसद को संबोधित करेंगे।
- इस उपलब्धि के साथ, पीएम मोदी विदेशी संसदों में सबसे ज्यादा भाषण देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं।
विदेशी संसदों में संबोधन के मामले में पीएम मोदी का रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक कई देशों की संसदों में भाषण दिया है, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, भूटान और कई अन्य शामिल हैं।
- पूर्व प्रधानमंत्रियों में, मनमोहन सिंह ने 7 बार, इंदिरा गांधी ने 4 बार, और जवाहरलाल नेहरू ने 3 बार विदेशी संसदों को संबोधित किया था।
- पीएम मोदी ने 2016 और 2023 में अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित किया।
गुयाना यात्रा का महत्व
गुयाना की संसद को संबोधित करना भारत के लिए कई मायनों में अहम है:
- कैरिबियाई देशों से संबंधों को मजबूत करना।
- वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका और स्वीकार्यता को बढ़ावा देना।
- भारत और गुयाना के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का जश्न।
पीएम मोदी का वैश्विक कूटनीतिक प्रभाव
- 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया, फिजी, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, और अफगानिस्तान की संसदों में भी अपनी बात रखी।
- उन्होंने अपने संबोधनों के माध्यम से भारत की वैश्विक स्थिति और आर्थिक, सांस्कृतिक व रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया।
- यह संबोधन भारत की सॉफ्ट पावर और वैश्विक कूटनीति में बढ़ती पकड़ का प्रतीक है।
PM मोदी का भाषण: भारत का बढ़ता प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों ने:
- भारत की संस्कृति, लोकतंत्र और आर्थिक नीतियों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया।
- संयुक्त राष्ट्र सुधारों और वैश्विक चुनौतियों पर भारत के विचार रखे।
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भूमिका को मजबूत किया।