दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
दिल्ली-NCR में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सख्त निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि कोर्ट रूम के अंदर एक्यूआई का स्तर 990 है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया और कहा कि जब तक कोर्ट से नया आदेश न आए, GRAP-4 जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के अहम निर्देश
- GRAP चरण 4 का सख्ती से पालन
- सभी NCR राज्यों को GRAP चरण 4 लागू करने का निर्देश।
- टीमों का गठन कर कार्यों की निगरानी करने का आदेश।
- शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने को कहा।
- स्कूल बंद और ऑनलाइन कक्षाओं का आदेश
- कक्षा 12 तक सभी फिजिकल कक्षाएं बंद कर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश।
- पराली जलाने पर तुरंत कार्रवाई
- केंद्र सरकार को स्थिर उपग्रहों के माध्यम से डेटा प्राप्त करने की व्यवस्था करने का निर्देश।
- इसरो को इस प्रक्रिया में शामिल करने की सिफारिश।
- दिल्ली सरकार की जवाबदेही तय
- GRAP-4 लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार से नाराजगी।
- निवारक उपायों में ढिलाई के लिए स्पष्ट मंजूरी की आवश्यकता बताई।
‘राज्य और केंद्र का संवैधानिक दायित्व’: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी है कि नागरिकों को प्रदूषण मुक्त वातावरण उपलब्ध कराएं। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने GRAP चरण 4 को लागू करने में देरी पर नाराजगी जताई।
“स्थिति सामान्य होने तक सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।”
पराली जलाने के आंकड़ों की निगरानी का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरियाई स्थिर उपग्रहों या अन्य तकनीकों से पराली जलाने के आंकड़े जुटाने का निर्देश दिया। इससे संबंधित राज्यों को तुरंत सूचना मिल सकेगी और वे कार्रवाई कर सकेंगे।