Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में संतों की बैठक में हंगामा, आपस में भिड़े दो गुट
प्रयागराज में आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर अखाड़ों के संतों की एक बैठक में ज़बरदस्त हंगामा देखने को मिला। बैठक के दौरान संतों के दो गुटों के बीच तीखा विवाद हो गया, जो हाथापाई में बदल गया। दोनों गुटों के संतों ने एक-दूसरे पर थप्पड़ बरसाए और लात-घूंसे भी चले, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
बैठक के दौरान जमीन आवंटन को लेकर विवाद
बैठक का आयोजन प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय में किया गया था, जहां अखाड़ा परिषद के दोनों गुट आमने-सामने हुए। बताया जा रहा है कि संतों के बीच विवाद का मुख्य कारण जमीन आवंटन को लेकर थी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने बताया कि महाकुंभ के आयोजन के लिए जमीन आवंटन को लेकर विवाद हुआ है और कुछ संतों के द्वारा हंगामा किया गया।
निर्मोही अखाड़ा और जूना अखाड़ा के बीच बढ़ा तनाव
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास के अनुसार, कुंभ मेले के दौरान अखाड़े के पदाधिकारियों को बैठक में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन जूना अखाड़ा के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया। राजेंद्र दास ने कहा कि जूना अखाड़ा का विवादित इतिहास है, और इस बैठक में उचित स्थान न मिलने पर संतों में असंतोष बढ़ गया, जिसके बाद हंगामा हुआ।
महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना
महाकुंभ 2025 का आयोजन यूपी सरकार की प्राथमिकताओं में है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे भव्य और दिव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो पिछले आयोजनों से काफी अधिक है। मुख्य गंतव्य त्रिवेणी संगम की ओर जाने वाली सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है, ताकि भक्तों को सुविधा हो।
प्रश्न बना हुआ है
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में इस प्रकार का विवाद और मारपीट एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या आने वाले समय में अखाड़ों के बीच यह खींचतान और भी गहरा हो सकती है? सरकार और प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे प्रबंधों के बावजूद, संतों के बीच चल रहे इस संघर्ष को कैसे सुलझाया जाएगा, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।