प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा-एयरबस के C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा ‘हम एयरक्रफ्ट कैरियर, सबमरीन बना रहे हैं। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द ग्लोब के मंत्र पर आगे बढ़ रहा भारत, आज अपने सामर्थ्य को और बढ़ा रहा है। अब भारत, ट्रांसपोर्ट प्लेन्स का भी बहुत बड़ा निर्माता बनेगा। आज भारत में इसकी शुरुआत हो रही है। यहां बनने वाले ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट न केवल हमारी सेना को ताकत देंगे, बल्कि एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग में एक नया इकोसिस्टम भी विकसित करेंगे। जल्द ही भारत मेक इन इंडिया टैग के साथ बनाए जाने वाले पैसेंजर एयरक्राफ्ट का भी गवाह बनेगा। आज भारत सबसे तेजी से विकसित होने वाले एविएशन सेक्टर में से एक है। हम जल्द ही एयर ट्रैफिक के मामले में शीर्षद तीन देशों की सूची में प्रवेश करने वाले हैं। आने वाले दस से पंद्रह वर्षों में भारत को दो हजार से ज्यादा यात्री और कार्गो विमानों की जरूरत होगी। यह दिखाता है कि हम कितनी तेजी से विकास कर रहे हैं। प्रगति का एक मुख्य पहलू मानसिकता का परिवर्तन है। सरकारें लंबे समय से इस मानसिकता के साथ काम कर रही थीं कि केवल सरकार ही सबकुछ जानती है और उन्हें ही सबकुछ करना चाहिए। इस मानसिकता ने देश की प्रतिभाओं को दबा दिया और निजी क्षेत्र को नहीं बढ़ने दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा की पिछली सरकारों में भी समस्याओं से बचने और कुछ सब्सिडी के साथ विनिर्माण क्षेत्र को जीवित रखने की मानसिकता थी। इस मानसिकता के कारण भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को घाटा हुआ। न तो कोई ठोस नीति थी, न ही रसद और न ही बिजली-पानी की आपूर्ति की जरूरी जिम्मेदारी। अब भारत नई मानसिकता और नई कार्य संस्कृति के सात काम कर रहा है। हमने काम चलाऊ फैसलों को छोड़ दिया.. आज हमारी नीति स्थित, अनुमानित और भविष्यवादी हैं।
भारत दुनिया के लिए सुनहरा मौका लेकर आया
देश के विमानन क्षेत्र का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होता विमानन क्षेत्र है। वायु यातायात के मामले में हम जल्द ही हवाई यातायात के मामले में हम दुनिया के शीर्ष 3 देशों में पहुंचने वाले हैं। अगले 4-5 वर्षों में करोड़ों नए यात्री हवाई सफर के यात्री होने वाले हैं। आज भारत दुनिया के लिए सुनहरा मौका लेकर आया है। कोरोना और युद्ध से बनी परिस्थितियों के बावजूद, सप्लाई चेन में रुकावटों के बावजूद, भारत निर्माण क्षेत्र के विकास की गति बनी हुई है। आने वाले समय में भारत को 2000 एयरक्राफ्ट की जरूरत होगी। उसके लिए आज का कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। अब भारत ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी बनाएगा। पैसेंजर प्लेन भी बनेंगे जिनपर मेक इन इंडिया लिखा होगा। यहां बनने वाले परिवहन विमान हमारी सेना को तो ताकत देंगे ही, इससे हमारे विमान निर्माण के लिए एक नए पारिस्थितिक तंत्र का भी विकास होगा। शिक्षा और संस्कृति के रूप में प्रतिष्ठित वड़ोदरा अब विमानन क्षेत्र हब के रूप में नई पहचान बनाएगा।