तिरुपति मंदिर के लड्डू विवाद: बीफ फैट मिलाए जाने के आरोप की जांच के लिए सरकार का कदम
तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में बीफ फैट (पशु चर्बी) मिलाए जाने के आरोप से देशभर में हड़कंप मच गया है। इस मुद्दे को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और लोग जल्द से जल्द इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। इस पर आंध्र प्रदेश सरकार ने भी सख्त कदम उठाते हुए इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
SIT की नियुक्ति
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि राज्य की पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डुओं में घटिया सामग्री और बीफ फैट का इस्तेमाल किया था। इस आरोप के बाद सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT का गठन किया है। SIT में नौ सदस्यों को शामिल किया गया है, जो इस मामले की विस्तृत जांच करेगी।
SIT की जिम्मेदारी
आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सरकार तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में SIT का गठन कर इस मामले की व्यापक और निष्पक्ष जांच करने का निर्णय लिया गया है। SIT का नेतृत्व गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी करेंगे, जो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर इस मामले की तहकीकात करेंगे।
YSR कांग्रेस का विरोध
YSR कांग्रेस पार्टी ने इस जांच को लेकर आपत्ति जताई है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह जांच एक ऐसी एजेंसी से कराई जा रही है, जो मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती है। इसलिए उन्होंने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की है। पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पी सुधाकर रेड्डी ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की बात कही है।
निष्कर्ष
मामले की गंभीरता को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में कथित रूप से मिलावट की जांच के लिए SIT का गठन किया है। इस जांच दल का उद्देश्य इस विवाद की सच्चाई को उजागर करना और मंदिर की पवित्रता की रक्षा करना है। वहीं, YSR कांग्रेस पार्टी ने इस जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।