बिहार में बिगड़ सकता हैं NDA का खेला? पशुपति पारस के इस एक बयान से क्यों शुरू हुई चर्चा
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस बीच कई राज्यों में एनडीए और अखिल भारतीय गठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है. इस बीच, बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे में पशुपति पारस प्राथमिकता में नहीं दिख रहे हैं
पशुपति पारस एनडीए में चिराग पासवान को तरजीह दिए जाने से नाराज हैं. दरअसल, एनडीए में सीट बंटवारे के फॉर्मूले तय होने की बात सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक बिहार में बीजेपी 17, जेडीयू 16, हिंदुस्तान अवाम पार्टी और आरएलएम 1-1 और चिराग पासवान की एलजेपी को 5 सीट मिलने पर बात बनी है, जबकि पशुपति पारस की पार्टी को एनडीए में कोई सीट नहीं मिली है.
हाजीपुर से सांसद हैं पशुपति पारस
इतना ही नहीं एनडीए में एलजेपी को मिलने वाली 5 सीटों में हाजीपुर की सीट भी शामिल है. पशुपति पारस इसी सीट से सांसद हैं और आगामी चुनाव भी इसी सीट से लड़ना चाहते हैं. इस संबंध में पशुपति पारस ने अपने सांसदों के साथ बातचीत की और ऐलान किया कि वह हाजीपुर सीट नहीं छोड़ेंगे.
एनडीए से अलग होने के दिए संकेत
इस संबंध में पारस ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हम हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे. एनडीए में हमारी पार्टी को तरजीह नहीं दी गई है. इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी निराशा है. सीट शेयरिंग की घोषणा के दौरान हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो हमारी पार्टी और हम लोग स्वतंत्र हैं और हमारे लिए दरवाजा खुला है.
पशुपति पारस 2019 में हाजीपुर से चुनाव लड़े थे और भारी अंतर से जीत हासिल की थी. इसलिए वह इस सीट को छोड़ना नहीं चाहते. वहीं, चिराग पासवान ने भी अपने पिता की विरासत का जिक्र करते हुए हाजीपुर से दावा ठोका था. चिराग यहां से अपनी मां रीना पासवान को चुनाव मैदान में उतारने की मंशा जता चुके हैं