लोकसभा चुनाव में उड़ा देगा BJP और सपा के होश मायावती का संभल वाला ‘मुस्लिम’ प्लान,
चुनाव आयोग 14-15 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है, ऐसे में सभी पार्टियां अलग-अलग अपने पत्ते घोषित करेंगी। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी पुरानी नीतियों को सुधारने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां उनके विजय रथ को रोकने की कोशिश कर रही हैं.
इसी बीच उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट की खबर सामने आई है. संभल सीट से डॉ. बर्क का टिकट कटने पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने शोक व्यक्त किया है। वहीं, बीजेपी संभल से किसी बुजुर्ग पर दांव लगा रही है और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के पास भी यहां से कोई मुस्लिम चेहरा हो सकता है. जानकारी के आधार पर बसपा संभल से तीन मुस्लिम नामों पर विचार कर रही है।
स्थानीय संगठन ने पार्टी सुप्रीमो को नाम भेजे
पार्टी के स्थानीय संगठन ने संभावित दावेदारों के नाम बीएसपी सु्प्रीमों को भेज दिए हैं. इनमें पूर्व मंत्री हाजी अकबर, पूर्व कुंदरकी विधायक हाजी रिजवान और संभल के पूर्व सभासद हाजी शकील अहमद अंसारी हैं. इसके अलावा दो हिंदू नेता भी लोकसभा का टिकट हासिल करने की कोशिश में लगे हैं. माना जा रहा है कि बीएसपी अभी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित होने का इंतजार कर रही है. वह सपा के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अपने पत्ते खोलेगी.
संभल में 2 बार जीत चुकी है बीएसपी
बीएसपी ने दो बार संभल लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है. हालांकि, दोनों बार यह जीत सीधे मुकाबले में मिली है. पहली बार संभल में बीएसपी टिकट पर बाहुबली डीपी यादव ने 1996 में जीत दर्ज की थी. इसी तरह सपा ने 2009 में दिवंगत डा. शफीकुर्रहमान को टिकट नहीं दिया तो वह साइकिल छोड़ बीएसपी में चले गए थे और जीत दर्ज की.
बीएसपी का कैडर वोट मजबूत
भले ही बीएसपी के टिकट पर संभल सीट जीतने वाले दोनों प्रत्याशी अन्य दलों से बीएसपी में आए थे, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यहां बीएसपी का कैडर वोट हमेशा मजबूत रहा है. ऐसे में पार्टी इस बार भी मजबूती के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.