जयंत चौधरी ने राज्यसभा में बोलना शुरु ही किया था कि भड़क गए खरगे,धनखड़ ने खरगे से पूछा- ‘कमांडो की तरह क्यों चिल्ला रहे?’
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के फैसले पर शनिवार (10 फरवरी) को संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद और पोते जयंत चौधरी ने राज्यसभा को संबोधित किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने बयान पर सदन में आपत्ति जताई. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। भाषण के दौरान राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और अन्य सदस्यों से बैठने के लिए कहते रहे, लेकिन उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।
सदन में लगातार शोर शराबा, हंगामा करने पर सभापति को थोड़ा गुस्सा भी आ गया और उन्होंने नेता विपक्ष खरगे से पूछा कि ‘आप कमांडो की तरह क्यों चिल्ला रहे हैं? इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा कि अपने सदस्यों पर आपका कंट्रोल है या नहीं? इस दौरान सभापति की अनुमति के बाद खरगे ने सदन में अपना वक्तव्य भी दिया. उन्होंने सभापति पर नियमों को लेकर भी सदन में सवाल खड़े किए.
‘चौधरी चरण सिंह के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग न करें’
धनखड़ ने खरगे और अन्य कांग्रेस नेताओं से कहा कि वो चरण सिंह के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग न करें. मैं चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा. वह बेदाग सार्वजनिक जीवन, बेदाग ईमानदारी और किसानों के प्रति प्रतिबद्धता के पक्षधर थे. मैंने देखा है कि कैसे कांग्रेस ने इस पर भी अराजकता और हंगामा किया. उन्होंने कहा कि मैं इस चीख-पुकार और नारेबाजी की निंदा करता हूं. सभापति ने कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने पर हो रही चर्चा में हंगामा करना बहुत ही गलत है.
‘कांग्रेस के पास चौधरी चरण सिंह के लिए समय नहीं’
धनखड़ ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से शर्म की भावना पैदा होनी चाहिए. कांग्रेस के पास भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के लिए समय नहीं है. चौधरी चरण सिंह के मुद्दे पर सदन के अंदर ऐसा माहौल बनाकर आप देश के हर किसान को चोट पहुंचा रहे हैं, जिससे हमारे सिर शर्म से झुक जाने चाहिए.
‘देश के हर कोने में फैसले की गूंज पहुंची’
अपने वक्तव्य जारी रखते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का फैसला लिया है. यह एक बहुत बड़ा फैसला है. देश के हर कोने में आपके फैसले की गूंज पहुंची है और गांव गांव में दिवाली मनाई गई है. उन्होंने सदन को अवगत कराने को लेकर एक किस्से का जिक्र भी किया और बताया कि चौधरी चरण सिंह जब प्रधानमंत्री बने थे तो उस वक्त गांव के लोग खुशी मनाने को गुड़ और मिठाई लेकर दिल्ली पहुंचे थे.
जयंत ने कहा कि उनको भारत रत्न सम्मान देने के फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए शुक्रवार (9 फरवरी) को भी किसानों ने कनॉट प्लेस में गुड़ बांटा है. यह दर्शाता है कि यह फैसला सिर्फ चौधरी चरण सिंह के परिवार से जुड़ा नहीं है. यह दर्शाता है कि कि किसान, कमेरा वर्ग और वंचित समाज का व्यक्ति जो मुख्य धारा में नहीं है उनको सशक्त करने का फैसला किया है.
‘मोदी सरकार की कार्यशैली में चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक’
आरएलडी नेता ने कहा कि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इंदिरा गांधी में करिश्माई शक्ति थी, उसी तरह से चौधरी चरण सिंह को सुनने, छूने और बेहतर तरीके से समझने के लिए लोग दूर-दूर से चले आते थे. उन्होंने कहा कि 10 साल मैं विपक्ष में रहा हूं, पहले उधर बैठता था और अब कुछ ही देर इस तरफ बैठा हूं. मैंने देखा है कि 10 साल में मौजूदा सरकार की कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक है.
‘पीएम मोदी के विचारों में चौधरी चरण सिंह की बोली याद आती है’
जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ग्रामीण परिवेश में शौच की दुर्व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालते हैं, महिला सशक्तिकरण को भारत सरकार अपना प्लेटफॉर्म बनाती है, गांव-गांव में जागृति पैदा करती है तो मुझे उसमें चौधरी चरण सिंह जी बोली याद आती है.