दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में हाल ही में एक कश्मीरी पंडित की हत्या के विरोध में राजनीतिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने श्रीनगर के राजबाग में ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के बोर्ड को गिरा दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कश्मीर में अब हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं है और वे कश्मीर में खून बहाने के लिए जिम्मेदार हैं। कल भी जम्मू समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे। कार्यक्रम ‘अखिर कब तक’ के तहत कार्यकर्ताओं का समूह आज हुर्रियत कांफ्रेंस के कार्यालय के बाहर राजबाग में इकट्ठा हुआ। हत्याओं से नाराज कार्यकर्ताओं ने संवाददाताओं से कहा कि हुर्रियत नेताओं ने पिछले 30 वर्षों से लोगों को धोखा दिया है और वे कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। कार्यकर्ताओं के समूह ने हुर्रियत के कार्यालय बोर्ड को गिरा दिया, जिसे बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हटा लिया। बडगाम जिले के एक राजनीतिक कार्यकर्ता जावेद बेग और श्रीनगर नगर निगम की पार्षद शाहीना भट के नेतृत्व वाले समूह ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। वे ‘अखिर कब तक’ के बैनर तले एक साल से अधिक समय से अल्पसंख्यकों की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस ने इस घटना की निंदा की है। साथ ही इसे पुलिस की मौजूदगी में ‘प्रायोजित गुंडों की गुंडागर्दी’ करार देते हुए कहा कि यह कश्मीरी पंडितों के जीवन की रक्षा करने में विफल अधिकारियों से ध्यान हटाने का एक छोटा प्रयास है। एपीएचसी ने एक बयान में कहा, ‘यह शर्मनाक है कि हुर्रियत के खिलाफ दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हत्या का फायदा उठाया जा रहा है, जिसके कार्यकर्ता और नेता या तो जेल में हैं या नजरबंद हैं। गौरतलब है कि शनिवार को आतंकवादियों ने शोपियां के चौधरी गुंड गांव के तारक नाथ भट के पुत्र पूरन कृष्ण भट को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था।
जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडित की हत्या से रोष, हुर्रियत का बोर्ड गिराया
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