महिला पहलवानों के उत्पीड़न मामले में कोर्ट में सुनवाई, बृजभूषण शरण सिंह पर 6 दिसंबर को तय हो सकते हैं आरोप
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में पहलवानों की तरफ से वकील हर्ष बोरा ने लिखित दलील दाखिल की. 6 दिसंबर को लोक अभियोजक अपना पक्ष रखेंगे.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में मंगलवार को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर लगे महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में सुनवाई हुई. महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में अब अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी. मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई में पहलवानों की तरफ से वकील हर्ष बोरा ने लिखित दलील दाखिल की. 6 दिसंबर को लोक अभियोजक अपना पक्ष रखेंगे. 6 दिसंबर को ही आरोप तय हो सकते हैं.
इससे पहले अदालत ने बीते बुधवार को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों की ओर से यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोप तय करने पर बहस की सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तारीख तय की थी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने पिछली सुनवाई के दौरान मामले में वकीलों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था और पक्षों के समक्ष इस बात पर जोर दिया था कि दलीलें व्यवस्थित तरीके से पूरी की जायेंगी.
बीजेपी सांसद ने किया था ये दावा
बृजभूषण शरण सिंह के वकील की ओर से बुधवार को जवाब दाखिल करने पर न्यायाधीश ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 28 नवंबर की तारीख तय कर दी थी. बीजेपी सांसद ने पिछली बार छह महिला पहलवानों की ओर से उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था और दावा किया था कि कोई भी आरोप देश में उनके किसी कृत्य के लिए नहीं लगाये गये हैं. उनके वकील ने दावा किया था कि टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुए कथित अपराधों की सुनवाई इस अदालत में नहीं की जा सकती है. हालाकि, लोक अभियोजक (पीपी) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा था कि पीड़ितों का यौन उत्पीड़न एक निरंतर अपराध है, क्योंकि इसमें कभी ठहराव नहीं आया.