Saturday, March 15, 2025
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धरने पर बैठे सीएम आवास के सामने 1300 SSA शिक्षक, शिक्षा विभाग पर लगाए गंभीर आरोप, सरकार से की न्याय की मांग 

सीएम आवास के सामने धरने पर बैठे 1300 SSA शिक्षक, शिक्षा विभाग पर लगाए गंभीर आरोप, सरकार से की न्याय की मांग

एसएसए टीचर्स साल 2011 और 2012 से एसएसए के तहत शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा निदेशालय अब शिक्षकों को प्रताड़ित करने पर उतारू है.

दिल्ली शिक्षा विभाग (Delhi Education Department) के मनमाने फैसलों से नाराज 1300 एसएसए शिक्षक सोमवार को सीएम आवास (Delhi CM Residence ) के बाहर धरने (SSA Teachers Protest) पर बैठ गए हैं. शिक्षकों का आरोप है कि आप सरकार (AAP Government) ने सैकड़ों की शिक्षकों की मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया. इसके उल्ट जुलाई 2023 में रातोंरात ऐसे फैसले लिए जिसकी वजह से अधिकांश शिक्षकों का काम करना मुश्चिकल हो गया. धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि यह एसएसए शिक्षकों (SSA Teachers) के साथ अन्याय है. सीएम अरविद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार शिक्षा पर जोर है. उन्हें चाहिए कि महिला एसएसए टीचर्स की समस्या को देखत हुए, काम के बेहतर माहौल मुहैया कराएं. न कि एसएसएस शिक्षकों को अचानक दूर दराज क्षेत्रों में ट्रांसफर कर उन्हें घर बैठने के लिए मजबूर करें.

सीएम शिक्षकों की गरिमा का रखें ख्याल

धरनास्थल पर मौजूद एसएसए टीचर्स का आरोप है कि काफी समय से हम लोगों के साथ गलत हो रहा है. आये दिन जिम्मेदारियां बदल दी जाती हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जो मन होता है, वही काम करने के मजबूर करते हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल से अपील है कि हमारी गरिमा को तार तार किया जा रहा है. आप शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं तो महिला शिक्षकों की गरिमा को बनाए रखें. शिक्षकों को बचाएं, एसएसए को बचाएं.

टीचर्स को किया जा रहा परेशान

करीब साल भर के बच्चों को अपने गोद में लिए एक महिला टीचर ने कहा कि जुलाई, 2023 में हम लोगों को जॉब पीरियड रिन्यू होना था. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अचानक सभी का ट्रांसफर दूरदराज के क्षेत्रों में कर दिया. किसी से राय भी नहीं ली गई. सरकार ने बिना पूछे रातों रात ऐसे स्कूलों में डला दिया गया, जहां पर जाना आना महिला शिक्षकों के लिए बहुत मुश्किल है. महिला शिक्षकों को च्वाइस तक नहीं दिया गया. दिल्ली सरकार ने हम लोगों के साथ बहु गलत किया है. मेरे छोटे बच्चे हैं, में मानसिक तौर पर परेशान हो चुकी हूं. दिल्ली सरकार इस पर पुनर्विचार करे और एसएसए शिक्षकों से किए अपने वादे पूरे करे.

सरकारी स्कूलों में 12 साल से कर रहे काम

बता दें कि दिल्ली सरकार के शिक्षा में में करीब 1300 टीचर्स समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत कार्यरत है. ये लोग साल 2011 और 2012 से एसएसए के तहत शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने कई बार एसएसए शिक्षकों के साथ अन्याय किया है. हमने कई बार एसएसए और डीओई के अनुचित आदेशों का पालन इस उम्मीद में किया है कि हमारे अधिकारी भी उन्हीं परेशानियों से गुजर रहे होंगे, तभी उन्होंने इस तरह के आदेश जारी किए.

13 जुलाई 2023 को दिल्ली में बाढ़ के संकट के दौरान लिया गया जब 201 टीजीटी और 150 पीआरटी एसएसए शिक्षकों को गलत तरीके से एमसीडी में स्थानांतरित कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल शिक्षकों की उच्च योग्यता पर विचार करके निचली कक्षाओं को पढ़ाना सही नहीं है और यह आरटीई अधिनियम 2009 में निर्धारित सिद्धांतों का उल्लंघन है, जो बच्चों को सार्थक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. साल 2021 में भी केवल 800 एसएसए शिक्षकों को हटाया गया और स्थानांतरित किया गया.

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