तरकस ब्यूरो (दिल्ली): निरंतर न्याय की मांग करते हुए सुशांत के चाहने वालों ने रविवार, 18 दिसम्बर 2022 को सुशांत सिंह ‘राजपूत’ के न्याय के लिए जंतर-मंतर पर निर्जला व्रत का उपवास रखते हुए जोर-शोर से अपनी आवाजें बुलंद की, जिसमें भारी संख्या में सुशांत के फैंस के अलावा साधु संतों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए महाराष्ट्र सरकार एवं भारत सरकार से सुशांत सिंह ‘राजपूत’ की निर्मम हत्या के लिए दोषियों को दंडित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अपनी आबाजें बुलंद किया जिससे सुशांत के परिवार केसाथ सुशांत के सभी चाहने वालों को संविधान एवं सरकार के विधि व्यवस्था में आस्था बनी रहे और निरंतर धरना – प्रदर्शन ना करना पड़े। सुशांत के फैंस ने ‘सुशांत हम शर्मिंदा हैं – तेरे कातिल जिंदा है’ ‘उड़ने दो परिंदों को-फांसी दो दरिंदों को’, ‘वी वान्ट जस्टीस’ ‘सीबीआई जबाव दो’ जैसे नारों के जरिये अपने बातों को सरकार के समक्ष रखते रहे।
ज्ञात हो कि 14 जून 2020 को अपने ब्रांद्रा स्थित घर पर मृत पाए गए थे जिसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। इसी केस को ईडी और एनसीबी ने भी आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की थी जिसके अंतर्गत काफी जगहों पर छापा मारे जाने के दौरान नशीली पदार्थ भी बरामद की गई थी किंतु अभी तक हत्यारों तक पहुंचने में सभी जांच एजेंसीयां विफल रही, जिसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई। सुशांत के फैंस और परिवार को आज भी न्याय की उम्मीद है। बता दें कि अभियुक्त रिया को इस केस में सितम्बर 2020 में गिरफ्रतार किया गया था किंतु एक महीने जेल में बिताने के बाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।

इस केस में रिया के भाई शौविक और अन्य लोगों को भी गिरफ्रतार किया गया था जो अब सभी जमानत पर बाहर हैं।आरोप पत्र के मसौदे में कहा गया है कि आरोपित नंबर 10 रिया चक्रवर्ती को गांजे के कई पैकेट के साथ गिरफ्रतार किया गया था जिसे अन्य आरोपित सैमुअल मिरिंडा, दीपेश सावंत आदि से मिलते थे। रिया ने इसके लिए भुगतान शौविक के जरिये एवं सुशांत के बैंक एकाउंट का इस्तेमाल करते हुए किया था। गांजा, हशीश या चरस के आर्डर सह अभियुक्त की ओर से दिए जाते थे। यह सभी ड्रग्स दिवंगत सुशांत को साजीश के तहत कभी चाय में या फिर खाना में मिला कर दिये जाते थे। जिसके मद्देनजर रिया चक्रवर्ती हमेशा अपने गिरोह के साथ सुशांत पर नजर रखती थी और उसे अपने परिवार से दूर करने की कोशिश करती रहती थी जिसमें वह भली भांति सफल भी रही। यही कारण है कि सुशांत को अपनी सगी बहन और पिता से दूर कर दिया गया था जिसे साजिश के तौर पर उसकी हत्या करने में मुख्य रूप से देखा जा रहा है।
बता दें कि बॉलीवुड में ड्रग्स और नेपोटिज्म बुरी तरह से फैल चुका है। जिसमें बड़े-बड़े स्टार के बच्चे आये दिन नशे का शिकार हो रहा और अपनी खुद की जिंदगी दाब पर लगाता जा रहा। जिसके रोकथाम के लिए कई जगहों पर छापा भी मारा जा चुका और एनसीबी ने कई बड़े ड्रग्स माफियाओं को गिरफ्रतार भी किया जिसका सीधा संबंध बालीवुड से निकलता है। अपनी जीवनचर्या के नाम पर ड्रग्स और नशा को बढ़ावा देने में बालीवुड इस कदर बदनाम हो चुकी है कि उसे अपनी भारतीय संस्कृति की भी तनिक प्रभाव नहीं है, जिसका असर आने वाले पीढ़ियों पर तो बुरी तरह पड़ता ही है किंतु उसके मद में आकर हत्याएं जैसी संगीन जुर्म भी भली भांति पनप रहा है जो आने वाले समय में बहुत भी घातक रूप ले सकता है और इस तरह के कामों में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त हो रहा। भारत सरकार नशा मुक्ति के तरफ कई सारे योजनाएं चला रही है किंतु ड्रग्स माफिया इस कदर समाज में अपना पैर फैला चुका है कि इसे खत्म करने में सरकार भी दो-दो हाथ कर रही है।
अब देखना यह है कि इस नशायुक्त बालीवुड को कब तक इस गिरफ्रत से बाहर निकाला जा सकता है और सरकार की सारी एजेंसीयां अपनी निष्पक्ष जांच करते हुए दिवंगत सुशांत सिंह ‘राजपूत’ को न्याय दिलाने में कितनी जल्दी अपनी भूमिका अदा करती है जिससे दिवंगत सुशांत सिंह ‘राजपूत’ के साथ उनके फैंस को संविधान एवं सरकार की विधि एवं न्याय प्रक्रिया में खुशी जाहिर करने को मौका प्राप्त हो सके।