Mahashivratri 2025 के अवसर पर मसूरी के खेतवाला मौसी फॉल स्थित प्राचीन शिवलिंग पर भक्तों ने जलाभिषेक कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। जानें इस मंदिर का धार्मिक महत्व।
महाशिवरात्रि पर मसूरी में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
आज 26 फरवरी 2025 को पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। उत्तराखंड की देवभूमि में भी विभिन्न शिवालयों और मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। मसूरी के खेतवाला मौसी फॉल स्थित प्राचीन शिवलिंग के दर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर मनोकामनाएं मांगी।
पौराणिक शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व
खेतवाला मौसी फॉल स्थित यह पौराणिक शिवलिंग धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
इस वर्ष भी हजारों श्रद्धालुओं ने इस पवित्र स्थान पर पहुंचकर शिवलिंग का अभिषेक किया और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह स्थान आस्था और विश्वास का केंद्र है, जहां भक्त गहरी श्रद्धा के साथ शिव आराधना करते हैं।
पूजा और भजन संध्या का आयोजन
महाशिवरात्रि के दिन खेतवाला मौसी फॉल में फल, फूल, बेलपत्र और गंगाजल से शिवलिंग की विशेष पूजा की गई। इसके साथ ही रात्रि जागरण का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने शिव भजनों का संकीर्तन किया। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में अद्भुत भक्ति का माहौल बना रहा।
आस्था और शांति का प्रतीक है यह शिव मंदिर
मसूरी का यह प्राचीन शिव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शांति और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी माना जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां का माहौल भक्तिमय हो जाता है और दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं।