छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विदेशी फंडिंग पर सख्ती दिखाते हुए NGO’s पर धर्मांतरण में लिप्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने इसकी विस्तृत जांच की मांग की.
धर्मांतरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार का सख्त रुख
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विदेशी फंडिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने शुक्रवार (21 फरवरी) को आरोप लगाया कि कई NGO विदेशों से आर्थिक सहायता प्राप्त कर धर्मांतरण में लिप्त हैं.
सीएम साय ने कहा,
“हेल्थ और एजुकेशन के नाम पर विदेशी फंडिंग का गलत इस्तेमाल हो रहा है. धर्मांतरण का खेल चल रहा है, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए.”
उन्होंने इस मुद्दे की गंभीर जांच की मांग करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन उद्देश्यों के लिए NGO’s को धन दिया जा रहा है, उसका सही उपयोग हो रहा है या नहीं.
USAID से जुड़े फंडिंग विवाद में छत्तीसगढ़ का नाम
मुख्यमंत्री साय ने अमेरिका की सहायता एजेंसी USAID का जिक्र करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने USAID की फंडिंग पर रोक लगाई थी. अब खुलासा हो रहा है कि अमेरिकी करदाताओं के पैसों का गलत इस्तेमाल किया गया.
साय ने कहा,
“छत्तीसगढ़ में भी कुछ NGO’s को USAID जैसी विदेशी एजेंसियों से पैसा मिलता है, लेकिन इसका उपयोग लोगों को भ्रमित करने, लालच देने और चंगाई के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने के लिए किया जा रहा है. यह पूरी तरह गलत है और इस पर सख्त कार्रवाई होगी.”
धर्मांतरण पर सरकार की सख्ती और जांच की मांग
सीएम साय ने स्पष्ट किया कि सरकार जल्द ही NGO’s की फंडिंग और गतिविधियों की विस्तृत जांच करेगी.
🔹 प्रमुख बिंदु:
- विदेशी धन से धर्मांतरण कराने वाले NGO’s की जांच होगी.
- हेल्थ और एजुकेशन के नाम पर हो रहे फंडिंग दुरुपयोग पर रोक लगेगी.
- धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.
- USAID जैसी विदेशी सहायता एजेंसियों के फंडिंग रिकॉर्ड की समीक्षा होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगी और धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे.