ममता बनर्जी के महाकुंभ 2025 को लेकर दिए गए ‘मृत्यु कुंभ’ बयान पर विवाद बढ़ गया है। बीजेपी ने उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया और देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्ति पर भी सवाल उठाए।
ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ बयान पर बवाल, बीजेपी ने किया पलटवार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) को लेकर दिए गए विवादित बयान ने नया राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। उनकी ‘मृत्यु कुंभ’ टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे हिंदू भावनाओं के खिलाफ बताया।
बीजेपी का ममता बनर्जी पर तीखा हमला
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने ममता बनर्जी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा:
- “महाकुंभ में हुई मौतें दुखद हैं, लेकिन ममता बनर्जी की भाषा में संवेदना नहीं, बल्कि संतोष झलक रहा है।”
- “ममता बनर्जी वही नेता हैं, जिन्होंने अपने राज्य में देवस्थानम बोर्ड का अध्यक्ष फरहाद हाकिम (Firhad Hakim) को बनाया।”
- “फरहाद हाकिम वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने कोलकाता में एक क्षेत्र को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा था।”
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
बजट सत्र (Budget Session) के दौरान ममता बनर्जी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:
- “यह मृत्यु कुंभ है।”
- “मैं महाकुंभ और गंगा मां का सम्मान करती हूं, लेकिन इसके लिए कोई योजना नहीं बनाई गई।”
- “अमीरों और वीआईपी के लिए ₹1 लाख तक के टेंट की व्यवस्था है, लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं।”
- “कुंभ में भगदड़ और अव्यवस्था आम बात हो गई है।”
बीजेपी का पलटवार: ‘धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़’
बीजेपी ने ममता बनर्जी पर हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया और कहा:
- “महाकुंभ हिंदू आस्था का सबसे बड़ा पर्व है, इसे ‘मृत्यु कुंभ’ कहना अनुचित और अपमानजनक है।”
- “टीएमसी सरकार हिंदू परंपराओं का अपमान करती रही है, यह बयान भी उसी मानसिकता को दर्शाता है।”
- “जब राज्य की देवस्थानम समिति का नेतृत्व एक मुस्लिम नेता करते हैं, तो सवाल उठता है कि क्या टीएमसी हिंदू आस्था को कमजोर करना चाहती है?”
क्या ममता बनर्जी ने कुंभ आयोजन पर सही सवाल उठाए?
ममता बनर्जी ने बीजेपी सरकार की कुम्भ आयोजन में लचर तैयारियों पर भी सवाल उठाए:
- “घटना के बाद शवों को बिना पोस्टमार्टम के बंगाल भेज दिया गया।”
- “मृतकों के परिवारों को मुआवजा कैसे मिलेगा, जब मृत्यु प्रमाण पत्र ही नहीं जारी किए गए?”
- “सरकार ने आयोगों की जांच के नाम पर दिखावा किया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया।”
क्या महाकुंभ 2025 बना सियासी जंग का मैदान?
महाकुंभ 2025 अब राजनीतिक विवादों का केंद्र बनता जा रहा है।
- बीजेपी इसे हिंदू आस्था पर हमला बता रही है।
- टीएमसी इसे सरकारी लापरवाही उजागर करने का जरिया बता रही है।
- चुनावी माहौल में इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान तेज हो सकता है।
निष्कर्ष
ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। बीजेपी इसे धार्मिक अपमान करार दे रही है, जबकि ममता सरकार इसे व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है।