पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर हैं, लेकिन ट्रंप के नए फैसले भारत को बड़ा आर्थिक झटका दे सकते हैं। क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती सिर्फ दिखावा है? जानिए पूरी कहानी।
‘दोस्त’ को भी नहीं बख्श रहे ट्रंप, अमेरिका जरूरी, तो मोदी मजबूरी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस दौरे पर हैं, जिसके बाद वह अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। 13 फरवरी को उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तय है। यह मुलाकात दो देशों के राष्ट्राध्यक्षों की होने के साथ-साथ दो पुराने दोस्तों की मुलाकात भी मानी जा रही है। लेकिन क्या ट्रंप पीएम मोदी को उतना ही अच्छा दोस्त मानते हैं, जितना मोदी उन्हें?
अमेरिकी हितों के लिए ट्रंप किसी भी दोस्ती को कुर्बान कर सकते हैं—यह सवाल मोदी के दौरे से पहले उठना लाज़मी है, क्योंकि हाल के फैसले इस ओर इशारा कर रहे हैं।
ट्रंप के फैसले और भारत पर असर
20 जनवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई ऐसे फैसले किए, जिनसे उनकी “दोस्ती” पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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भारतीयों की अमेरिका से वापसी
- ट्रंप प्रशासन ने 104 भारतीयों को हथकड़ियां और बेड़ियां डालकर वापस भारत भेजने का फैसला किया।
- विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इसे अमेरिका की नीति मानकर नजरअंदाज कर दिया।
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स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैरिफ
- मोदी की अमेरिका यात्रा से कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ लगा दिया।
- इससे भारत को अरबों रुपये का नुकसान होगा, क्योंकि भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में स्टील और एल्युमिनियम बेचता है।
भारत को होगा भारी नुकसान
2023 में भारत ने अमेरिका को:
✅ 34,984 करोड़ रुपये का स्टील बेचा।
✅ 9,620 करोड़ रुपये का एल्युमिनियम एक्सपोर्ट किया।
2024 की शुरुआत में जो बाइडेन प्रशासन ने भारत से 3.36 लाख टन स्टील और एल्युमिनियम बिना किसी टैरिफ के खरीदने की मंजूरी दी थी, लेकिन ट्रंप ने आते ही इस पर 25% शुल्क लगा दिया।
क्या यह पहली बार हुआ है?
नहीं! 2017 में भी जब ट्रंप राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने स्टील पर 25% और एल्युमिनियम पर 10% टैक्स लगाया था। जो बाइडेन ने इसे हटाया, लेकिन अब ट्रंप ने इसे फिर से लागू कर दिया है।
अमेरिका जरूरी, तो मोदी मजबूरी?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध बेहद मजबूत हैं।
✅ 2022 में भारत-अमेरिका व्यापार: 191.8 बिलियन डॉलर
✅ अमेरिका का भारत को निर्यात: 73 बिलियन डॉलर
✅ अमेरिका का भारत से आयात: 118.8 बिलियन डॉलर
भारत के लिए अमेरिका एक बड़ा निर्यात बाजार है, जिससे भारत को डॉलर कमाने का मौका मिलता है। ऐसे में भारत अमेरिका को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
अमेरिका को भी भारत की जरूरत क्यों है?
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चीन पर नियंत्रण:
- अमेरिका को चीन पर लगाम कसने के लिए भारत की जरूरत है।
- बिना भारत का साथ लिए, अमेरिका एशिया में वर्चस्व कायम नहीं कर सकता।
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अमेरिकी बाजार के लिए भारत मुफीद:
- भारत ने हाल ही में इम्पोर्ट ड्यूटी 13% से घटाकर 11% कर दी है।
- हाई-एंड बाइक और लग्जरी कारों पर भी टैक्स में कटौती की गई, जिससे अमेरिका को फायदा होगा।
क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती बचा पाएगी हालात?
ट्रंप के फैसले भारत को बड़े आर्थिक नुकसान की ओर ले जा सकते हैं। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि जब मोदी और ट्रंप की मुलाकात होगी, तब कुछ समझौते हो सकते हैं और छोटे-मोटे मुद्दों को हल कर लिया जाएगा।
दोनों देशों की आर्थिक मजबूरियां इस रिश्ते को बनाए रखने के लिए मजबूर कर सकती हैं, लेकिन ट्रंप की नीतियां इस “दोस्ती” को किसी भी वक्त झटका दे सकती हैं।
निष्कर्ष:
✅ ट्रंप की नीतियां भारत को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती हैं।
✅ अमेरिका को चीन पर नियंत्रण के लिए भारत की जरूरत है।
✅ भारत अमेरिका के लिए बड़ा बाजार है, इसलिए ट्रंप भी संबंध पूरी तरह नहीं तोड़ सकते।
✅ मोदी-ट्रंप की मुलाकात से कुछ मुद्दों का समाधान निकल सकता है, लेकिन ट्रंप के रवैये से सतर्क रहना होगा।