Friday, March 14, 2025
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भारत-बांग्लादेश संबंधों में आएगा नया मोड़? एस जयशंकर से मिलेंगे यूनुस सरकार के सलाहकार

भारत-बांग्लादेश के बीच तनाव कम करने के लिए बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन अगले सप्ताह मस्कट में एस जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं। यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों में नया मोड़ ला सकती है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव घटाने की कोशिश, मस्कट में हो सकती है अहम बैठक

नई दिल्ली/ढाका: भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए अगले सप्ताह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक बैठक हो सकती है। बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मस्कट में होने वाले हिंद महासागर सम्मेलन (IOC 2025) के दौरान मुलाकात कर सकते हैं। यह वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

पांच महीनों में दूसरी वार्ता

तौहीद हुसैन और एस जयशंकर की यह बैठक अगर तय होती है, तो यह पिछले पांच महीनों में उनकी दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले दोनों नेता सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान मिले थे।

भारत-बांग्लादेश तनाव का कारण

  • शेख हसीना सरकार का पतन: बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद उनकी सरकार गिर गई थी। इसके बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव देखने को मिला।
  • शेख हसीना का भारत में रहना: तख्तापलट के बाद से शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं, जबकि बांग्लादेश सरकार उन्हें वापस भेजने की मांग कर रही है।
  • भारतीय विदेश सचिव का ढाका दौरा: दिसंबर 2024 में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ढाका का दौरा किया और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी।

IOC 2025: संबंध सुधारने का मौका?

16-17 फरवरी को मस्कट में होने वाले 8वें हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान इस बैठक का आयोजन संभावित है। भारत और बांग्लादेश इस मौके को तनाव कम करने और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

क्या होगा भारत का रुख?

भारत ने अभी तक शेख हसीना को लेकर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है, लेकिन माना जा रहा है कि जयशंकर और तौहीद हुसैन की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।

निष्कर्ष

भारत और बांग्लादेश के संबंधों में पिछले कुछ महीनों से तनाव देखने को मिला है। ऐसे में मस्कट बैठक दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत का मौका हो सकती है। क्या यह मुलाकात भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में नई उम्मीद जगा पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा।

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