आर्थिक सर्वे 2024-25 के अनुसार, आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट होगी, जिससे आम जनता को फायदा मिलेगा। जानें पूरी रिपोर्ट।
नई दिल्ली, 31 जनवरी 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा तिमाही में आम जनता को महंगाई से राहत मिलने की संभावना है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण कुछ आर्थिक जोखिम बने हुए हैं।
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की उम्मीद
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में सब्जियों और खरीफ फसलों की अच्छी आवक से खाद्य महंगाई में गिरावट देखने को मिलेगी। साथ ही, बेहतर रबी फसल की वजह से वित्त वर्ष 2025-26 में भी खाद्य वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रहने की उम्मीद है। हालांकि, खराब मौसम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कृषि उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव महंगाई के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
महंगाई दर चार साल के निचले स्तर पर
सर्वे के अनुसार, खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) वित्त वर्ष 2024-25 में 5.4% के चार साल के निचले स्तर पर आ गई है। इसके बावजूद, रुपये में कमजोरी, विदेशी निवेश में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में महंगाई का उतार-चढ़ाव भारत की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स में गिरावट की संभावना
कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) वित्त वर्ष 2024-25 में 8.4% तक पहुंच गया था, जो 2023-24 में 7.5% था। सब्जियों और दालों की कीमतों में वृद्धि के कारण महंगाई दर में उछाल देखा गया था, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, आने वाले दिनों में इसमें कमी आने की संभावना है।
GDP ग्रोथ अनुमान: 6.3% से 6.8% के बीच
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की GDP ग्रोथ 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है।
सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जाए। इसके लिए अगले दो दशकों तक 8% की दर से आर्थिक विकास की जरूरत होगी।
रोजगार और श्रमिक सुधारों का असर
सर्वेक्षण के अनुसार, सरकार द्वारा लागू किए गए लेबर रिफॉर्म्स से श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हुई है। इससे रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी देखी गई है।
क्या आम जनता को राहत मिलेगी?
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार, अगर फसल उत्पादन अच्छा रहा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि उत्पादों की कीमतों में स्थिरता बनी रही, तो भारत में महंगाई दर और भी कम हो सकती है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी और घरेलू बाजार में स्थिरता बनी रहेगी।