महाकुंभ 2025 में प्रयागराज के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ मचने से 20 लोग एक शख्स पर गिर गए। जानिए चश्मदीदों का दर्दनाक बयान और हादसे की पूरी जानकारी।
महाकुंभ 2025 में प्रयागराज में भगदड़, 20 लोग एक शख्स पर गिरे, चश्मदीदों ने सुनाया दर्दनाक विवरण
प्रयागराज, 29 जनवरी 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के दिन एक दर्दनाक भगदड़ हादसा हुआ। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए और कुछ ने अपनी जान भी खो दी। यह घटना सुबह तड़के हुई जब लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए एकत्रित हुए थे। हादसे के समय चश्मदीदों ने घटना का जो बयान दिया, वह दिल को छूने वाला था।
चश्मदीद का बयान
मेघालय से आई एक महिला ने अपनी आंखों देखा हाल बयान करते हुए बताया, “हादसे में 20 लोग एक शख्स पर गिर गए। वह शख्स डायबटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित था। तीन घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची।” महिला ने रोते हुए कहा कि वह अपने परिवार के साथ मौनी अमावस्या स्नान के लिए आई थीं, और इस घटना ने उनकी यात्रा को दुखद बना दिया।
घटना की भयावहता
छतरपुर, मध्य प्रदेश से आए जयप्रकाश स्वामी ने बताया, “रात करीब एक बजे भीड़ अचानक बढ़ी और लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे। इसी में हम दब गए। हम बाकी लोगों को बाहर निकाल पाए, लेकिन मेरी मां को नहीं निकाल सके। जब उन्हें बाहर निकाला तो उनकी सांसें चल रही थीं। फिर आधे घंटे बाद पुलिस और एंबुलेंस आई।”
बेगूसराय की बुजुर्ग महिला की बात
बेगूसराय, बिहार से आई बदामा देवी नाम की बुजुर्ग महिला ने भी इस हादसे को याद करते हुए कहा, “हम इतने दूर से गंगा स्नान करने आए थे। कभी सोचा भी नहीं था कि यहां इतनी बड़ी अनहोनी होगी। मुझे लगता है यह गंगा माई की ही इच्छा थी।”
झारखंड के राम सुमिरन का बयान
पलामू, झारखंड से आए राम सुमिरन ने कहा, “यह 144 साल बाद पुण्य स्नान का अवसर था। इसलिए कोई भी इसे गंवाना नहीं चाहता था। लोग संगम के किनारे खुले आसमान में डेरा डालकर पड़े थे। तभी अचानक जनसैलाब ने अवरोधक तोड़कर हमे दबा दिया।”
भगदड़ की गंभीरता
घटनास्थल पर फैले जूते-चप्पल और कपड़े इस हादसे की गंभीरता को बयां करते थे। हादसे में कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गए। उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने एंबुलेंस में लेकर अस्पताल भेजा।
किसी भी बड़ी घटना के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था का होना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशासन द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश और चेतावनियां जारी की जाती हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इस हादसे से एक बार फिर यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सुरक्षा इंतजामों में कोई कमी थी, और क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन और बेहतर कदम उठा सकता है।