महाराष्ट्र के भंडारा जिले की एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में शुक्रवार सुबह 10:30 से 10:45 के बीच भीषण धमाका हुआ। इस दर्दनाक हादसे में 5 कर्मचारियों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसकी आवाज दूर-दूर तक सुनी गई। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई, और लोग मदद के लिए दौड़ पड़े।
घटनास्थल पर हालात और बचाव कार्य
धमाका फैक्ट्री के आरके ब्रांच सेक्शन में हुआ, जहां रक्षा मंत्रालय के लिए हथियार बनाए जाते हैं। हादसे के तुरंत बाद फैक्ट्री में आग लग गई, जिससे बचाव कार्य और अधिक मुश्किल हो गया। फायर ब्रिगेड, पुलिस और राहत-बचाव टीम मौके पर मौजूद हैं और तेजी से राहत कार्य कर रही हैं। एंबुलेंस के जरिए घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
मौके पर मौजूद थे 14 कर्मचारी
घटना के समय फैक्ट्री में 14 कर्मचारी काम कर रहे थे। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। वहीं, चार से पांच लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ब्लास्ट के कारणों की जांच
धमाके की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर पहुंच चुकी है और फैक्ट्री के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा निर्माण कार्य में इस्तेमाल हो रहे विस्फोटक पदार्थों में लापरवाही के कारण हुआ हो सकता है।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का महत्व
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत काम करती है और यह देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हथियार और गोला-बारूद का उत्पादन करती है। भंडारा की यह फैक्ट्री देश की प्रमुख रक्षा उत्पादन इकाइयों में से एक है।
स्थानीय प्रशासन और सरकार का रुख
घटना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुख व्यक्त किया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने जांच के आदेश दिए और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
फैक्ट्री हादसे पर उठे सवाल
इस घटना ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा प्रबंधन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
घटना से सबक और भविष्य की योजनाएं
सरकार और रक्षा मंत्रालय को चाहिए कि इस हादसे से सबक लेते हुए फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों को और सख्त बनाए। साथ ही, कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण और सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।