महाकुंभ की वायरल लड़की हर्षा रिछारिया को लेकर अखाड़ा परिषद ने किया समर्थन। अध्यक्ष रवींद्र पुरी बोले, ‘वो हमारी बच्ची है, उसे सम्मान मिलना चाहिए।’
हर्षा रिछारिया पर विवाद और अखाड़ा परिषद का समर्थन
महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच हर्षा रिछारिया का नाम फिर से चर्चा में है। भगवा वस्त्र धारण कर, नकली जटा और त्रिपुंड लगाकर शाही स्नान करने के बाद विवादों में घिरीं हर्षा अब अखाड़ा परिषद के समर्थन में हैं। परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने हर्षा को “भोली भाली बच्ची” बताते हुए कहा कि उनके साथ गलत हुआ और उन्हें महाकुंभ में लौटने का पूरा अधिकार है।
रवींद्र पुरी का बयान
एबीपी के साथ बातचीत में रवींद्र पुरी ने कहा,
“हर्षा ने कोई बड़ा पाप नहीं किया। उसने भगवा पहना, रथ पर बैठी, तो इसमें गलत क्या है? वह एक कन्या है, देवी है, हमें उसे सम्मान देना चाहिए। मैं चाहूंगा कि वह फिर से महाकुंभ आए, रथ पर बैठे और स्नान करे।”
क्या है हर्षा रिछारिया विवाद?
हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ के पहले शाही स्नान के दौरान साध्वी का भेष धारण कर हिस्सा लिया। उन्होंने दावा किया था कि वह दो साल से साध्वी हैं। हालांकि, बाद में यह सामने आया कि वह एक कंटेंट क्रिएटर हैं और जल्द ही उनकी शादी होने वाली है। इस खुलासे के बाद संत समाज ने उन्हें फटकार लगाई और महाकुंभ छोड़ने को मजबूर किया।
संतों ने आरोप लगाया कि हर्षा ने फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए सनातन धर्म का अपमान किया। हालांकि, अखाड़ा परिषद का कहना है कि हर्षा का इतना विरोध करना गलत था।
महाकुंभ में हर्षा की संभावित वापसी
अखाड़ा परिषद ने साफ कर दिया है कि वे हर्षा को अगले शाही स्नान में लाने के लिए तैयार हैं। रवींद्र पुरी का कहना है कि महाकुंभ में हर प्रकार के लोग आते हैं और किसी एक के साथ इतना भेदभाव करना सही नहीं है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
हर्षा रिछारिया के मामले ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं। समर्थकों का कहना है कि वह अपनी संस्कृति और धर्म को बढ़ावा देने के लिए महाकुंभ आई थीं। वहीं, विरोधियों ने इसे धार्मिक मान्यताओं का अपमान बताया।
क्या हर्षा की वापसी संभव है?
अखाड़ा परिषद के समर्थन के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि संत समाज इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है। हर्षा की वापसी महाकुंभ में नए विवादों को जन्म दे सकती है।