जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी से 17 मौतें हो चुकी हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम जांच के लिए इलाके में पहुंची। जानें पूरी खबर।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में रहस्यमयी बीमारी का कहर
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक इस बीमारी के चलते 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे क्षेत्र में डर और अनिश्चितता का माहौल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञों की एक टीम को राजौरी भेजा है।
मौतों की बढ़ती संख्या और गांव का हाल
रविवार (20 जनवरी, 2025) को एक और व्यक्ति की मौत के बाद कुल मृतकों की संख्या 17 हो गई। खासतौर पर सुदूर बधाल गांव में एक ही परिवार के कई सदस्यों की मौत ने स्थिति को और भयावह बना दिया है।
- मोहम्मद असलम के परिवार से जुड़े मामले ने लोगों का ध्यान खींचा है। उनके छह बच्चों में से आखिरी बेटी यासमीन कौसर ने भी दम तोड़ दिया।
- गांव के अन्य परिवारों में भी 9 लोगों की मौत 7 से 12 दिसंबर के बीच हो चुकी है।
उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय का कदम
- उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियां मौतों के कारणों की जांच कर रही हैं, लेकिन अभी तक सटीक वजह का पता नहीं चला है।”
- गृह मंत्री अमित शाह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञों की अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है, जो गहराई से जांच कर रही है।
बीमारी के लक्षण और जांच की दिशा
बीमारी के कारण जान गंवाने वाले मरीजों में निम्न लक्षण देखे गए:
- बुखार, दर्द, मतली और चेतना की कमी।
- अस्पताल में भर्ती होने के कुछ ही दिनों के भीतर मरीजों की हालत गंभीर रूप से बिगड़ गई।
16 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम अब इस बीमारी की वजह तलाशने के लिए राजौरी मुख्यालय पहुंच चुकी है और सोमवार को बधाल गांव का दौरा करेगी।
सरकार की सक्रियता और राहत प्रयास
रहस्यमयी बीमारी के डर को कम करने और प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए सरकार सक्रिय भूमिका निभा रही है।
- स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियां मौतों के कारण का पता लगाने में जुटी हैं।
- केंद्रीय टीम के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी स्थिति को संभालने में लगा हुआ है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी से हो रही मौतों ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। हालांकि, विशेषज्ञों की टीम ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही बीमारी की वजह का पता चलने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इस बीमारी को रोका जा सके और प्रभावित परिवारों को सहायता पहुंचाई जा सके।