स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म अपनाया। जानें, कैसे गुरू स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें दीक्षा दी और उन्होंने ‘कमला’ नाम पाया।
Mahakumbh 2025: स्टीव जॉब्स की पत्नी ने अपनाया सनातन धर्म, मिली ‘कमला’ दीक्षा
एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल महाकुंभ 2025 में विशेष आकर्षण का केंद्र बनीं। प्रयागराज से लौटे उन्हें दो दिन हो चुके हैं, लेकिन उनकी चर्चा अभी भी जोरों पर है। नई जानकारी यह है कि लॉरेन पॉवेल ने एक साल पहले ही सनातन धर्म के मार्ग पर चलना शुरू कर दिया था।
गुरू ने दी थी ‘कमला’ नाम की दीक्षा
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के प्रमुख स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन को 14 जनवरी की रात 10:10 बजे दीक्षा दी गई। हालांकि, उन्हें ‘कमला’ नाम और गौत्र पिछले साल 18 फरवरी को ही दिया जा चुका था।
स्वामी कैलाशानंद ने बताया, “लॉरेन भौतिकवाद की पराकाष्ठा तक पहुंच चुकी थीं। अब वह सनातन धर्म को अपनाकर आध्यात्मिक शांति की खोज में हैं। वह बेहद सरल और विनम्र स्वभाव की हैं। लॉरेन ने शिविर में आम श्रद्धालु की तरह चार दिन बिताए। उनके साथ 50 निजी स्टाफ भी दो बड़े हवाई जहाजों में आए थे।”
शुद्ध शाकाहारी जीवन और मंत्र दीक्षा
लॉरेन पूरी तरह से शाकाहारी हैं और प्याज-लहसुन तक का सेवन नहीं करतीं। महाकुंभ में वे 10 दिनों के लिए आई थीं, लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण तीन दिन में ही लौट गईं। जाने से पहले उन्होंने अपने गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली।
लॉरेन को महाकाली के बीज मंत्र “ॐ क्रीं महाकालिका नमः” की दीक्षा दी गई है। अब वह नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करेंगी।
गुरु का दृष्टिकोण
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा, “लॉरेन पॉवेल की भक्ति और सरलता अद्भुत है। उनमें अहंकार का कोई स्थान नहीं है। उनकी यात्रा से सनातन धर्म के मूल्यों और परंपराओं का वैश्विक प्रसार होगा।”
महाकुंभ 2025 में लॉरेन पॉवेल की उपस्थिति ने सनातन धर्म और आध्यात्मिकता की महत्ता को एक बार फिर से उजागर किया है। यह घटना न केवल आध्यात्मिकता की ओर लोगों के झुकाव को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय परंपराओं की स्वीकार्यता को भी प्रमाणित करती है।