महाकुंभ 2025 में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर CM योगी ने रखी शर्तें। जानिए प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के आयोजन से जुड़ी पूरी जानकारी।
महाकुंभ 2025: सुरक्षा और आयोजन
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 25 जनवरी 2025 तक महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक मेले के लिए सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चाक-चौबंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेताओं को महाकुंभ में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने निमंत्रण पत्र के साथ महाकुंभ से जुड़ा साहित्य, प्रतीक चिह्न और अन्य सामग्री भी भेंट की।
मुस्लिमों की एंट्री पर बड़ा बयान
महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर उठे विवाद पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी राय स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “ऐसा कोई भी व्यक्ति जो खुद को भारतीय मानता है और भारतीय सनातन परंपरा के प्रति श्रद्धा रखता है, वह महाकुंभ में शामिल हो सकता है। अगर कोई संगम में स्नान करने आता है, तो उसका स्वागत है। लेकिन, अगर कोई यहां किसी विवाद या कब्जे की मंशा से आता है, तो ऐसे लोगों के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
वक्फ बोर्ड की जमीन का विवाद
कुछ दिनों पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दावा किया था कि महाकुंभ की जमीन का एक हिस्सा, करीब 55 बीघा, वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इस दावे ने विवाद को जन्म दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ सनातन परंपरा का उत्सव है और इसमें श्रद्धा रखने वाले हर व्यक्ति का स्वागत है।
सीएम योगी का संदेश
सीएम योगी ने साफ तौर पर कहा, “यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का प्रतीक है। जो लोग श्रद्धा और सम्मान के साथ यहां आना चाहते हैं, उनका स्वागत है। लेकिन जो कुत्सित मानसिकता लेकर आएंगे, उनके लिए यहां जगह नहीं है।”
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होने की उम्मीद है।
क्या कहता है महाकुंभ का आयोजन?
- तारीखें: 13 जनवरी से 25 जनवरी 2025
- स्थान: संगम, प्रयागराज
- विशेष: धार्मिक अनुष्ठान, संगम स्नान, संतों के प्रवचन