प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और इस बीच, तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य ने महाकुंभ के आयोजन और वक्फ बोर्ड के दावे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सतयुग से हो रहा है, जबकि इस्लाम धर्म डेढ़ हजार साल पहले अस्तित्व में आया था। इसके साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर भी अपना बयान दिया।
वक्फ बोर्ड के दावे पर तीखा जवाब
महाकुंभ के आयोजन स्थल पर वक्फ बोर्ड के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रामभद्राचार्य ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सदियों से हो रहा है, जबकि इस्लाम धर्म का आगमन बहुत बाद में हुआ। उन्होंने कहा, “गंगा की पवित्र धारा कब से वक्फ बोर्ड के कब्जे में आ गई थी?” रामभद्राचार्य का यह बयान केवल विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे लोगों के खिलाफ था। उन्होंने इस तरह की बयानबाजी को सिर्फ असमंजस और झगड़े का कारण बताया।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर बयान
रामभद्राचार्य ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह क्षेत्र भारत का हिस्सा बनेगा। इसके लिए प्रयागराज महाकुंभ में एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। इस अनुष्ठान में एक करोड़ आहुतियां दी जाएंगी, और देवी-देवताओं की कृपा से कश्मीर भारत में वापस आ जाएगा।
महाकुंभ के आयोजन की तैयारियां
रामभद्राचार्य ने महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकारों द्वारा किए गए इंतजामों की सराहना की। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच होगा, और ग्रह-नक्षत्रों के विशिष्ट खगोलीय संयोग से यह आयोजन 144 वर्षों बाद हो रहा है। इस दौरान सभी अखाड़े परंपरानुसार महाकुंभ क्षेत्र में छावनी प्रवेश करेंगे।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले रामभद्राचार्य का बयान विशेष रूप से चर्चा में है। उन्होंने वक्फ बोर्ड के दावे को नकारते हुए महाकुंभ की ऐतिहासिकता पर जोर दिया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में लाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान का आह्वान किया। इस आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है, और देशभर के श्रद्धालु इसके दिव्य दर्शन के लिए एकत्र होंगे।