छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने DRG जवानों की गाड़ी पर IED ब्लास्ट किया, जिसमें 8 जवान शहीद हो गए। विस्फोट से गाड़ी के टुकड़े पेड़ों पर फंसे और जमीन में 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया।
बीजापुर नक्सली हमला: IED ब्लास्ट में 8 जवान शहीद
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सोमवार, 6 जनवरी 2025 को नक्सलियों ने दिल दहला देने वाला हमला किया। दंतेवाड़ा के डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवान एक ऑपरेशन से लौट रहे थे, तभी अंबेली गांव के पास उनकी गाड़ी को निशाना बनाकर IED ब्लास्ट किया गया। इस हमले में गाड़ी में सवार 8 जवान शहीद हो गए, जबकि ड्राइवर की भी मौके पर ही मौत हो गई।
विस्फोट का खौफनाक मंजर
यह हमला इतना भयानक था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। विस्फोट से गाड़ी के हिस्से हवा में उड़कर पास के पेड़ों पर 25 फीट की ऊंचाई पर फंस गए। कुछ हिस्से तो 30 फीट दूर जाकर गिरे। धमाके की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जमीन में 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया।
विस्फोट के बाद जवानों के क्षत-विक्षत शव चारों ओर बिखर गए। गाड़ी के हिस्सों को पेड़ों से निकालने के लिए मौके पर जेसीबी मशीन मंगानी पड़ी। मिट्टी और धूल पूरे इलाके में फैल गई, जिससे दृश्य और भी भयावह हो गया।
मौके पर पहुंचे सुरक्षा बल और जांच एजेंसियां
IED हमले के बाद मौके पर स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ, और अन्य सुरक्षा बल पहुंचे। घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लिया गया और इलाके को घेर लिया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। NIA की फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाने का काम शुरू कर दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा:
“बीजापुर (छत्तीसगढ़) में IED ब्लास्ट में DRG के जवानों को खोने की सूचना से अत्यंत दुखी हूं। वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे।”
जवान लौट रहे थे ऑपरेशन से
जानकारी के अनुसार, डीआरजी के जवान एक संयुक्त ऑपरेशन को पूरा करके बीजापुर लौट रहे थे। घटना दोपहर करीब 2 बजे की है, जब वे अंबेली गांव के पास पहुंचे। इस दौरान पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने उनकी गाड़ी को IED से उड़ा दिया।
नक्सलवाद पर सरकार की सख्त नीति
पिछले कुछ वर्षों में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने कई ऑपरेशन चलाए हैं। इससे नक्सलियों की ताकत कमजोर हुई है, लेकिन बीजापुर जैसा हमला यह दिखाता है कि यह समस्या अब भी गंभीर है। गृह मंत्री अमित शाह के बयान के अनुसार, सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हमले के बाद शहीदों को श्रद्धांजलि
इस हमले के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग शहीद जवानों के बलिदान को नमन कर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने इस हमले का बदला लेने और नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
नक्सलवाद: एक नजर
नक्सलवाद भारत के लिए दशकों से एक गंभीर समस्या बना हुआ है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, और बिहार जैसे राज्यों में नक्सली सक्रिय हैं। हालांकि सुरक्षा बलों ने कई ऑपरेशन के जरिए नक्सलियों के प्रभाव को कम किया है, लेकिन यह समस्या अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।
निष्कर्ष
बीजापुर का यह नक्सली हमला न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका है। शहीद जवानों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। इस हमले ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि नक्सलवाद से लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। सरकार और सुरक्षा बलों को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना होगा।