भारत ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश के नोट का जवाब दिया। चिन्मय दास के मामले में निष्पक्ष ट्रायल की जरूरत पर दिया जोर।
भारत का रुख: शेख हसीना के प्रत्यर्पण का नोट मिला
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बयान देते हुए कहा है कि भारत को बांग्लादेश की तरफ से प्रत्यर्पण का नोट प्राप्त हुआ है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि मामले की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।
मंत्रालय ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यकों को निष्पक्ष ट्रायल का मौका मिलना चाहिए।”
चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज
बांग्लादेश के चटगांव में अदालत ने सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता और इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
- आरोप: चिन्मय दास पर देशद्रोह का मामला दर्ज है, जिसमें अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है।
- अभियोजन पक्ष का तर्क: मामला गंभीर है और जांच जारी है, इसलिए जमानत न दी जाए।
- चिन्मय दास के वकीलों का पक्ष: वकीलों ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि झंडे के अपमान का कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश का दावा
बांग्लादेश ने दिसंबर 2024 में भारत को एक राजनयिक नोट भेजकर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की थी।
- प्रत्यर्पण संधि: भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में हुई संधि के तहत प्रत्यर्पण की यह मांग की गई है।
- भारत का रुख: प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, अगर मामला राजनीतिक हो, तो दूसरा देश प्रत्यर्पण के लिए बाध्य नहीं होता।
भारत का संदेश: निष्पक्षता और कानून का पालन जरूरी
भारत ने बांग्लादेश को नसीहत देते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए सभी नागरिकों को निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।