बांग्लादेश कोर्ट ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज की। जानिए, भगवा झंडा फहराने के आरोपों और देशद्रोह केस में कोर्ट की कार्यवाही की पूरी कहानी।
चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज, कानूनी लड़ाई तेज
बांग्लादेश के चटगांव कोर्ट ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब उनके वकील हाई कोर्ट का रुख करेंगे। चिन्मय दास पर देशद्रोह और बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप है।
क्या है मामला?
- चिन्मय कृष्ण दास पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया।
- 25 नवंबर को उनकी गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।
- 27 नवंबर को चटगांव कोर्ट के बाहर उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प में एक वकील की मौत हो गई।
जमानत याचिका खारिज, अब हाई कोर्ट की तैयारी
- सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई में हिस्सा लिया।
- जज ने करीब 30 मिनट की सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी।
- कानूनी टीम का नेतृत्व एडवोकेट अपूर्व कुमार भट्टाचार्य कर रहे हैं।
- अब वकीलों की टीम हाई कोर्ट में अपील करेगी।
हिंसा और गिरफ्तारियां
- चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा तेज हो गई।
- इस्कॉन के मुताबिक, दंगाइयों ने इस्कॉन के मंदिरों में तोड़फोड़ की।
- 29 नवंबर को दो भिक्षुओं को भी हिरासत में लिया गया।
चिन्मय दास के समर्थन में इस्कॉन का बयान
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन ने दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास निर्दोष हैं और उन पर लगे आरोप राजनीतिक और सांप्रदायिक साजिश का हिस्सा हैं।
अगले कदम और कानूनी स्थिति
चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनके वकीलों ने संकेत दिया है कि वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे। इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय हिंदू समुदाय में भी आक्रोश है।