ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ कराने और महिलाओं पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। जानिए, उनके बयान और संभावित चुनावी असर के बारे में।
ममता बनर्जी का बीएसएफ पर बड़ा आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीएसएफ बांग्लादेश के नागरिकों को राज्य में घुसपैठ की अनुमति दे रही है और महिलाओं पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की “नापाक योजना” बताया।
घुसपैठ पर ममता बनर्जी का बयान
ममता बनर्जी ने कहा:
- “बीएसएफ बंगाल के इलाकों में घुसपैठ की अनुमति दे रही है और महिलाओं के साथ अत्याचार कर रही है। बॉर्डर की रक्षा करना टीएमसी का काम नहीं है, यह बीएसएफ की जिम्मेदारी है।”
- पुलिस महानिदेशक (DGP) को जांच का आदेश दिया गया है, और केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर चिट्ठी लिखने की बात भी कही गई।
2026 विधानसभा चुनाव और बढ़ता तनाव
पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
- टीएमसी बनाम बीजेपी: ममता बनर्जी के इस बयान के बाद टीएमसी और बीजेपी के बीच टकराव और बढ़ने की संभावना है।
- चुनावी रणनीति: ममता बनर्जी केंद्र सरकार और बीएसएफ पर निशाना साधकर राज्य में अपना जनाधार मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।
बांग्लादेश से संबंध और राज्य की स्थिति
ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन:
- अपराध और घुसपैठ: बाहरी गुंडे राज्य में घुसपैठ कर अपराध करते हैं और बॉर्डर पार कर लौट जाते हैं।
- बीएसएफ की भूमिका: ममता ने आरोप लगाया कि बीएसएफ इन्हें रोकने के बजाय घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है।
- आतंकी गतिविधियों पर सख्ती: उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देगा, तो उसका कड़ा विरोध होगा।
केंद्र और राज्य के बीच बढ़ता विवाद
ममता बनर्जी के आरोपों ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
- बीएसएफ की जिम्मेदारी: ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया।
- सुरक्षा और राजनीति: यह मुद्दा न केवल सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि इसे 2026 के चुनावों में टीएमसी की राजनीतिक रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।