कर्नाटक हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाई। जानिए पीएफ धोखाधड़ी मामले में उन्हें कैसे मिली बड़ी राहत।
रॉबिन उथप्पा को मिली बड़ी राहत
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को नए साल से पहले कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पीएफ धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर कोर्ट ने अस्थाई रोक लगा दी है। यह फैसला हाई कोर्ट की जज सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार, 31 दिसंबर को सुनाया।
क्या है मामला?
रॉबिन उथप्पा 2018 से 2020 तक एक निजी फर्म सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड के डायरेक्टर थे। आरोप है कि कर्मचारियों का भविष्य निधि (PF) अंशदान उनकी सैलरी से काटा गया था, लेकिन यह राशि उनके पीएफ खातों में जमा नहीं की गई।
- धोखाधड़ी राशि: लगभग 23.16 लाख रुपये।
- बेंगलुरु पुलिस ने क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त और वसूली अधिकारी के आदेश पर उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
याचिका के जरिए राहत
रॉबिन उथप्पा ने अपने खिलाफ जारी वारंट और वसूली नोटिस को चुनौती देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए:
- गिरफ्तारी वारंट पर अंतरिम रोक लगा दी।
- पीएफ मामले से जुड़ी सभी कार्रवाई पर अस्थाई रूप से रोक लगाई।
रॉबिन उथप्पा का अंतरराष्ट्रीय करियर
रॉबिन उथप्पा ने भारत के लिए शानदार क्रिकेट खेला:
- वनडे: 46 मैच, 934 रन, 6 अर्धशतक।
- टी20 इंटरनेशनल: 13 मैच, 249 रन, 1 अर्धशतक।
उथप्पा का क्रिकेट करियर उनकी दमदार बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है।
निष्कर्ष
नए साल की शुरुआत से पहले रॉबिन उथप्पा के लिए राहत भरी खबर आई है। कोर्ट के इस फैसले ने उन्हें जेल जाने के खतरे से अस्थाई तौर पर बचा लिया है। हालांकि, पीएफ धोखाधड़ी मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया अभी भी जारी रहेगी।