2050 तक मुस्लिम जनसंख्या में 1.16 अरब का इजाफा होगा, जिससे इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म बन जाएगा। युवा आबादी और उच्च प्रजनन दर इसके प्रमुख कारण।
2050 तक मुस्लिम जनसंख्या में भारी वृद्धि
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2050 के बीच मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या में 1.16 अरब का इजाफा होगा। 2010 में इस्लाम अनुयायियों की कुल संख्या 1,599,700,000 थी, जो 2050 तक बढ़कर 2,761,480,000 हो जाएगी। यह वृद्धि इस्लाम को दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म बनाएगी।
ईसाइयों की जनसंख्या में वृद्धि
ईसाई धर्म, जो वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, 2050 तक अपनी जनसंख्या में लगभग 80 करोड़ का इजाफा करेगा।
- 2010 की जनसंख्या: 2,168,330,000
- 2050 की जनसंख्या: 2,918,070,000
- वृद्धि की दर मुस्लिमों की तुलना में धीमी होगी, लेकिन ईसाई धर्म का प्रभाव प्रमुख रहेगा।
मुसलमानों की तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण
मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि के पीछे मुख्य कारण हैं:
- उच्च प्रजनन दर: मुस्लिम महिलाओं की प्रति महिला औसत प्रजनन दर 3.1 है, जो अन्य धर्मों से अधिक है।
- युवा आबादी: 2010 में मुस्लिम जनसंख्या का 34% हिस्सा 15 वर्ष से कम उम्र का था।
- मृत्यु दर में गिरावट: विकासशील देशों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से मृत्यु दर कम हो रही है।
- अफ्रीका और मिडल ईस्ट: ये क्षेत्र उच्च प्रजनन दर और तेजी से बढ़ती जनसंख्या का केंद्र बने हुए हैं।
सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला धर्म
2050 तक मुस्लिम जनसंख्या में जो वृद्धि होगी, वह इस्लाम को सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म बनाएगी। इसके पीछे अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में जनसंख्या वृद्धि दर का प्रमुख योगदान है।
2050 तक प्रमुख धर्मों की अनुमानित जनसंख्या
- मुस्लिम: 2,761,480,000
- ईसाई: 2,918,070,000
- हिंदू: वृद्धि की दर स्थिर रहेगी।
- बौद्ध: धीमी वृद्धि दर।