बाबा रामदेव ने मोहन भागवत के बयान पर कहा कि पापियों को उनके पाप का फल मिलना चाहिए। आक्रमणकारियों के द्वारा सनातन धर्म पर हमलों पर न्यायिक निर्णय और संतुलन की बात कही।
मोहन भागवत के बयान पर रामदेव की प्रतिक्रिया
Mohan Bhagwat Statement: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के मस्जिद-मंदिर विवाद से जुड़े बयान पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान दिवस समारोह में रामदेव ने कहा कि जो आक्रमणकारी सनातन धर्म को नष्ट करने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें उनके पापों का फल जरूर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आक्रांताओं ने हमारे धार्मिक स्थलों और तीर्थों को नुकसान पहुंचाया। न्यायपालिका उन्हें दंडित करेगी, लेकिन हमें भी बड़े तीर्थ स्थानों पर निर्णय लेने होंगे।”
पापियों को दंड देने की वकालत
रामदेव ने कहा कि भारत के गौरवशाली मंदिरों और सनातन धर्म के प्रतीकों पर किए गए हमलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
- न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान: आक्रमणकारियों को दंडित करने का काम न्यायपालिका का है।
- समाज की जिम्मेदारी: बड़े धार्मिक स्थलों पर निर्णय लेकर ऐतिहासिक गलतियों को सुधारा जाना चाहिए।
- भाईचारा बनाए रखने की अपील: रामदेव ने यह भी कहा कि देश में आपसी भाईचारा कायम रहना चाहिए।
मुस्लिम समाज ने की भागवत की तारीफ
मोहन भागवत की समावेशी समाज की वकालत को मुस्लिम समाज ने भी सराहा।
- पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी और अन्य मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कहा कि भागवत की टिप्पणी उन लोगों के लिए मार्गदर्शक है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करना चाहते हैं।
- भागवत ने राम मंदिर निर्माण के बाद मंदिर-मस्जिद विवादों को दोबारा उठाने पर चिंता जताई और कहा कि कुछ लोग इसे अपने स्वार्थ के लिए मुद्दा बना रहे हैं।
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने का प्रयास
रामदेव ने यह भी कहा कि वह पूरे देश में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि गुरुकुल पद्धति भारतीय शिक्षा और संस्कृति को सशक्त बनाएगी।