‘वनवास’ एक्टर उत्कर्ष शर्मा ने बॉलीवुड और साउथ सिनेमा की तुलना करते हुए रीमेक्स, राइटर्स की क्रिएटिविटी और ओरिजिनल कंटेंट की कमी पर अपने विचार साझा किए।
मुंबई, 20 दिसंबर 2024:
‘गदर’ के जीते और ‘जीनियस’ फेम अभिनेता उत्कर्ष शर्मा की फिल्म ‘वनवास’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म में नाना पाटेकर के साथ उत्कर्ष ने लीड रोल निभाया है। यह फिल्म एक परिवार और भावनात्मक रिश्तों पर आधारित है, जो दर्शकों को ‘बागबान’ की याद दिलाती है।
फिल्म को समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इस मौके पर उत्कर्ष शर्मा ने बातचीत करते हुए बॉलीवुड बनाम साउथ सिनेमा, रीमेक कल्चर और ओरिजिनल कहानियों की कमी जैसे मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे।
बॉलीवुड बनाम साउथ: क्या बोले उत्कर्ष शर्मा?
जब उत्कर्ष से पूछा गया कि साउथ की फिल्में बॉलीवुड से आगे क्यों निकल रही हैं, तो उन्होंने गहराई से जवाब दिया।
रीमेक कल्चर ने खत्म की क्रिएटिविटी
उत्कर्ष ने कहा, “2010 से बॉलीवुड ने लगातार साउथ फिल्मों के रीमेक बनाए। पहले रीमेक बनाना ठीक था, क्योंकि भाषा की वजह से ऑरिजिनल फिल्में हर जगह नहीं देखी जाती थीं। लेकिन जब एक के बाद एक रीमेक ही बनते रहेंगे, तो दर्शकों की उत्सुकता खत्म हो जाती है।”
राइटर्स को ट्रांसलेटर बना दिया गया
उत्कर्ष ने बॉलीवुड की स्क्रिप्ट राइटिंग अप्रोच पर सवाल उठाते हुए कहा, “यहां के राइटर्स को ट्रांसलेशन का काम देकर उनकी क्रिएटिविटी खत्म कर दी गई। साउथ फिल्मों की स्क्रिप्ट का हिंदी में अनुवाद कराने के अलावा उन्हें ओरिजिनल कहानियां लिखने का मौका नहीं दिया जा रहा।”
रिस्क लेने की क्षमता खत्म
उन्होंने आगे कहा, “पिछले दो दशकों में बॉलीवुड ने जो भी अच्छी फिल्में बनाई, उनके रीमेक बनाकर खत्म कर दिए। इससे ओरिजिनल कहानियां बची ही नहीं और रिस्क लेने की आदत भी खत्म हो गई।”
साउथ की सफलता की वजह:
उत्कर्ष ने बताया कि साउथ सिनेमा ने अपनी जड़ों से जुड़े रहकर कहानियां बनाई हैं। उन्होंने कहा, “साउथ की फिल्में गांव-गांव तक पहुंची हैं। टीवी पर उनकी कहानियां चलती रहीं और लोग उन किरदारों से जुड़ गए। साउथ के स्टार्स और उनके कंटेंट ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया है।”
‘वनवास’ की खासियत:
‘वनवास’ के बारे में बात करते हुए उत्कर्ष ने कहा कि यह फिल्म दर्शकों से जुड़ने की क्षमता रखती है। इसमें ऐसे भावनात्मक पहलू हैं, जो यूनिवर्सल हैं और हर वर्ग के लोग इससे जुड़ सकते हैं।
निष्कर्ष:
उत्कर्ष शर्मा ने बॉलीवुड को सलाह देते हुए कहा कि अगर वह ओरिजिनल और लोगों से जुड़ने वाली कहानियों पर ध्यान नहीं देगा, तो दर्शकों की भागीदारी कम होती जाएगी। उनकी फिल्म ‘वनवास’ इस ओर एक सकारात्मक कदम है, जो भारतीय दर्शकों के दिलों को छूने का वादा करती है।