अंबेडकर विवाद पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि संविधान और अंबेडकर की विरासत को राजनीतिक युद्ध का मैदान नहीं बनाना चाहिए।
संसद में अंबेडकर विवाद पर हंगामा
संसद में बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर बुधवार को हुए विवाद ने सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनाव को बढ़ा दिया। इस विवाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के सांसदों के बीच तीखी बहस और धक्का-मुक्की हुई, जिसमें बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए।
शशि थरूर ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अंबेडकर विवाद पर दोनों पक्षों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा,
“दुर्भाग्य से, बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत और संविधान राजनीतिक युद्ध का मैदान बन गए हैं। यह दोनों तरफ से थोड़ा बेतुका हो रहा है। हमें आज और कल की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।”
थरूर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का वीडियो सही नहीं है, तो उन्हें सही वीडियो पेश करना चाहिए।
कांग्रेस ने मांगी कार्रवाई
कांग्रेस के सांसदों ने इस विवाद को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि बीजेपी के तीन सांसदों ने राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की की।
कांग्रेस ने इसे न केवल राहुल गांधी की गरिमा पर हमला बताया, बल्कि संसद की लोकतांत्रिक भावना के विपरीत भी करार दिया।
कांग्रेस सांसदों की मांग:
- इस घटना पर उचित कार्रवाई की जाए।
- संसद परिसर में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जाए।
पत्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल, मणिकम टैगोर और कोडिकुनिल सुरेश के हस्ताक्षर हैं।
राहुल गांधी पर धक्का-मुक्की का आरोप
कांग्रेस ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन के सांसद जब अंबेडकर प्रतिमा से मकर द्वार तक मार्च कर रहे थे, तब बीजेपी के तीन सांसदों ने राहुल गांधी को रोकने का प्रयास किया और उनके साथ धक्का-मुक्की की।
हालांकि, पत्र में इन बीजेपी सांसदों के नामों का उल्लेख नहीं किया गया।
थरूर की नसीहत: मुद्दों पर आगे बढ़ें
थरूर ने कहा कि इस विवाद से संविधान और अंबेडकर की विरासत को राजनीतिक बहस का हिस्सा बनाकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों से आग्रह किया कि वे आज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।
संसद में बढ़ता गतिरोध
अंबेडकर के नाम पर छिड़े इस विवाद ने संसद में कामकाज को बाधित कर दिया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
क्या यह विवाद सुलझेगा, या फिर अंबेडकर का नाम राजनीतिक संघर्ष का कारण बनता रहेगा?